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चुनाव आयोग ने EVM मशीन को बताया पूरी तरह से सुरक्षित, हैकर के दावे को किया खारिज

भारतीय मूल के अमेरिकी टेक एक्सपर्ट सैय्यद सहूजा ने लंदन में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह दावा किया है कि EVM की हैकिंग की जा सकती है.

Updated on: 21 Jan 2019, 11:52 PM

नई दिल्ली:

चुनाव आयोग ने भारतीय मूल के अमेरिकी टेक एक्सपर्ट सैयद शुजा के उस दावे को पूरी तरह से खारिज़ किया है जिसमें यह कहा गया था कि EVM मशीन की हैकिंग की जा सकती है. चुनाव आयोग ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा है कि 'हमारी जानकारी में यह बात सामने आई है कि लंदन में एक प्रदर्शनी के दौरान भारतीय EVM मशीन को दिखाकर यह कहा जा रहा है कि इसे हैक किया जा सकता है. चुनाव आयोग इस तरह के प्रेरित कार्यक्रम को लेकर काफी सावधान है और EVM मशीन के फूल प्रूफ होने को लेकर जो प्रयोग किया गया है उसके साथ पूरी तरह से खड़ा है.'

चुनाव आयोग ने कहा, 'यह EVM मशीन कड़े सुरक्षा इंतज़ाम और निगरानी के बीच भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रोनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड में बनाया गया है. साल 2010 में टेक्निकल एक्सपर्ट्स की एक कमेटी गठित की गई है जिसकी सख़्त निगरानी में यह तैयार किया जाता है.'

चुनाव आयोग ने हैकर के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई पर कहा है कि 'इस मामले में हमलोग विचार कर रहे हैं कि उन लोगों पर क्या कार्रवाई की जा सकती है.' बता दें कि अमेरिका में राजनीतिक शरण चाहने वाले एक भारतीय साइबर विशेषज्ञ ने सोमवार को दावा किया कि भारत में 2014 के आम चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिये 'धांधली' हुई थी. उसका दावा है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है.

स्काईप के जरिये लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शख्स ने दावा किया कि 2014 में वह भारत से पलायन कर गया था क्योंकि अपनी टीम के कुछ सदस्यों के मारे जाने की घटना के बाद वह डरा हुआ था. शख्स की पहचान सैयद शुजा के तौर पर हुई है.

उसने दावा किया कि टेलीकॉम क्षेत्र की बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल पाने में बीजेपी की मदद की थी ताकि ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सके.

शुजा ने बताया कि बीजेपी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में चुनाव जीत जाती अगर उनकी टीम इन तीनों राज्यों में ट्रांसमिशन हैक करने की बीजेपी की कोशिश में दखल नहीं दिया होता. यह विस्फोटक और धमाकेदार खुलासा बड़े खुफिया अंदाज में किया गया, हालांकि इसकी तत्काल पुष्टि नहीं की जा सकी.

उन्होंने दावा किया कि वह सार्वजनिक क्षेत्र की इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) की टीम का हिस्सा थे जिसने ईवीएम मशीन का डिजाइन तैयार किया था. वह भारतीय पत्रकार संघ (यूरोप) की ओर से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शामिल हुए थे. हालांकि वह स्काईप के जरिये पर्दे पर ही नजर आये और उनके चेहरे पर नकाब था.

भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और इसके कार्यप्रणाली पर एक विशेषज्ञ समिति नजर रख रही है. अरोड़ा ने कहा कि सिस्टम को लेकर कोई संदेह नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ईवीएम की पूरी कार्यप्रणाली पर उच्च प्रशिक्षित योग्य तकनीकी समिति नजर रखे हुए है.

इससे पहले कई दल ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोप लगा चुके हैं और मतपत्र से चुनाव की मांग कर चुके हैं. लंदन में कार्यक्र में शुजा ने दावा किया कि उन्होंने 2009 से 2014 तक ईसीआईएल में काम किया था. शुजा ने कहा कि वह उस टीम का हिस्सा थे जिसने 2014 चुनावों में इस्तेमाल ईवीएम मशीनों डिजाइन बनाया था.

उन्होंने कहा कि उन्हें और उनकी टीम को ईसीआईएल से यह पता लगाने का निर्देश मिला था कि क्या ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सकता है और इसे कैसे हैक किया जा सकता है.

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उन्होंने दावा किया, ''2014 के आम चुनाव में धांधली हुई.'' उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और दिल्ली चुनाव दौरान भी नतीजों में धांधली हुई.

PTI इनपुट के साथ...