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नसीम जैदी (फाइल फोटो)
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नसीम जैदी (फाइल फोटो)
चुनाव आचार संहिता के दौरान अब किसी भी तरीके से चुनाव की भविष्यवाणी करने पर रोक लग गई है। यहां तक कि ज्योतिष भी इसकी भविष्यवाणी नहीं कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने कहा है कि ज्योतिष, कार्ड या किसी एक्सपर्ट की मदद से भी प्रतिबंधित समय में चुनाव परिणाम बताना या उसके संकेत देना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।
चुनाव आयोग की तरफ से गुरुवार को जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि हाल ही में संपन्न हुए 5 राज्यों के चुनाव के दौरान इस नियम का उल्लंघन किया गया है और अगर भविष्य में इस तरह का उल्लंघन हुए तो आयोग कड़ी कार्रवाई करेगा।
चुनाव आयोग का निर्देश है कि सभी चरणों की वोटिंग खत्म होने के बाद ही एग्जिट पोल का प्रसारण किया जा सकता है।
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आयोग के आदेश में कहा है, 'आयोग का मानना है कि ज्योतिषियों, टैरो रीडरों, राजनीतिक विश्लेषकों या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रतिबंध की अवधि के दौरान किसी भी स्वरुप या तरीके से चुनावी नतीजों की भविष्यवाणी करना धारा 126-ए का उल्लंघन है।' कड़े शब्दों में लिखे गए इस आदेश को प्रेस काउंसल ऑफ इंडिया एवं न्यूज ब्रॉडकास्टर्स असोसिएशन को भी भेजा गया है।
आयोग ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों से कहा है कि वे स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध के दौरान चुनावों के परिणाम की भव्ष्यवाणी करने वाले कार्यक्रम न तो प्रसारित करें और न ही प्रकाशित करें।
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मीडिया संस्थाओं को भेजी गई गाइडलाइन में आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126-ए का जिक्र किया है। जिसके मुताबिक चुनाव आयोग की ओर से अधिसूचित किये गए समय के दौरान कोई व्यक्ति प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए कोई एग्जिट पोल और इनके नतीजों को प्रकाशित-प्रसारित करेगा नहीं करेगा और न ही इनके परिणामों को किसी अन्य तरीके से लोगों में वितरित करेगा।
हाल में हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की विधानसभाओं के चुनाव के दौरान एग्जिट पोलों पर प्रतिबंध की अवधि 4 फरवरी से लेकर 9 तक थी।
आदेश में कहा गया है, 'ऐसा देखा गया है कि कुछ टीवी चैनलों ने ऐसे कार्यक्रम प्रसारित किए जिनमें राजनीतिक पार्टियों के जीती जीने वाली सीटों की संभावित संख्या बताई गई है। ये ऐसे समय में किया गया जब एग्जिट पोलों पर प्रतिबंध की अवधि लागू थी।'
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चुनावों के दौरन एक दैनिक अखबार में अग्जिट पोल प्रकाशित किये गए थे। चुनाव आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंघ मानते हुए संपादक के खिलाफ कार्रवाई भी की थी।
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Source : News Nation Bureau