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चुनाव आयोग ने सरकार को दिया सुझाव, गुजरात चुनाव में जीएसटी कटौती का प्रचार

चुनाव आयोग का मानना है कि जीएसटी रेट कट के प्रचार का मतदाताओं पर प्रभाव पड़ सकता है। इस संबंध में आयोग ने जीएसटी की कीमतों में कटौती का प्रचार न करने के निर्देश दिए हैं।

Updated on: 08 Dec 2017, 04:23 PM

नई दिल्ली:

चुनाव आयोग ने गुजरात चुनाव के मद्देनज़र जीएसटी की दरों में हुए बदलाव और उससे उत्पादों में हुई कीमतों में कटौती का प्रचार न करने का सुझाव दिया है।

चुनाव आयोग ने यह निर्देश गुजरात में 9 दिसंबर को होने वाली वोटिंग के पहले फेज़ से पहले जारी किए है। चुनाव आयोग का मानना है कि जीएसटी रेट कट के प्रचार का मतदाताओं पर प्रभाव पड़ सकता है।

हालांकि चुनाव आयोग ने जीएसटी की आसान कर प्रक्रिया संबंधित विज्ञापनों पर रोक नहीं लगाई है। पोल पैनल ने बिना किसी उत्पाद का ज़िक्र किए विज्ञापनों को अनुमति दी है।

पदाधिकारी ने कहा है, 'पहले ड्राफ्ट में, चुनाव आयोग ने किसी भी ऐसे प्रचार को न करने आदेश दिया है जिससे मतदाता प्रभावित हों। जाहिर है, लोगों को प्रक्रिया के बारे में अवगत कराना होगा इसीलिए कमीशन ने प्रस्तावित ड्राफ्ट को मंजूरी दी है।'

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कमीशन ने कहा है कि जीएसटी की कीमतों में गिरावट संबंधी विज्ञापन दूसरे फेज के मतदान के बाद (14 दिसंबर) प्रसारित करें। चुनाव आयोग ने इससे पहले केंद्र को हिमाचल प्रदेश और गुजरात चुनाव के चलते बिना प्रचार के मनरेगा योजना के तह्त दूसरी किश्त जारी करने के लिए अनुमति दे दी थी।

बता दें कि गुजरात में 9 दिसंबर को पहले चरण का मतदान है जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 14 दिसंबर को की जाएगी। वहीं हिमाचल प्रदेश में 9 नवंबर को चुनाव संपन्न हो चुके हैं। हालांकि दोनों चुनावों में मतगणना 18 दिसंबर को की जाएगी।

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