Earthquake: लद्दाख में सुबह-सुबह महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, 3.4 की तीव्रता से कांपी धरती
Earthquake: मंगलवार सुबह लेह-लद्दाख में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इस भूकंप से अभी तक किसी भी प्रकार के जान या माल के नुकसान की खबर नहीं है.
highlights
- आज सुबह लेह-लद्दाख में आया भूकंप
- रिक्टर पैमाने पर 3.4 मापी गई भूकंप की तीव्रता
- सुबह 4.39 बजे महसूस किए गए भूकंप के झटके
नई दिल्ली:
Ladakh Earthquake: मंगलवार सुबह लेह-लद्दाख में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.4 मापी गई. जानकारी के मुताबिक ये भूकंप आज यानी मंगलवार सुबह 5 बजकर 39 मिनट पर आया. इस भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के जान या माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है. एनसीएस के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र जमीन के नीचे 5 किमी की गहराई में था.
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An earthquake with a magnitude of 3.4 on the Richter scale hit Leh, Ladakh today at 05:39 am: National Centre for Seismology pic.twitter.com/dTItx4zf9B
— ANI (@ANI) January 30, 2024
रविवार को गुजरात में आया था भूकंप
बता दें कि हाल के कुछ महीनों में देश के अलग-अलग इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रविवार यानी 28 जनवरी को ही गुजरात में भूकंप के तेज झटके आए थे. रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई थी. ये भूकंप रविवार शाम 4.45 बजे कच्छ जिले में आया. जिसका केंद्र कच्छ जिले के भचाऊ के पास था. इस भूकंप से भी किसी भी प्रकार के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई थी.
बता दें कि गुजरात का कच्छ जिला उच्च जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है. जिसके चलते यहां हमेशा विनाशकारी भूकंप की संभावना बनी रहती है. बता दें कि साल 2001 में कच्छ जिले में आए विनाशकारी भूकंप में 13,800 लोगों की मौत हुई थी. जबकि 1.60 लाख से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
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जानें क्या है भूकंप आने की वजह
बता दें कि हमारी पृथ्वी 7 अलग-अलग टेक्टोनिक प्लेट से मिलकर बनी है. एक टेक्टोनिक प्लेट की मोटाई 100 से 150 किमी तक हो सकती है. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. इस दौरान कई बार इन प्लेट्स के बीच टक्कर हो जाती है. जिसे जोन फॉल्ट लाइन कहा जाता है. बार-बार टकराने से इन प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं जिससे इनपर ज्यादा दबाव बनता है और ये प्लेट्स टूटने लगती हैं. इससे ऊर्जा पैदा होती है. जब ये ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती है जिससे डिस्टर्बेंस होता है इसकी वजह से धरती हिलने लगती है. जिसे भूकंप कहा जाता है.
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