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Earthquake in Nepal: भूकंप के झटकों से कांपे भारत-नेपाल-चीन, कई लोगों की मौत

Earthquake jolts Nepal, Northern India and China: नेपाल में देर रात आए भूकंप के झटकों से नेपाल ही नहीं, समूचा उत्तर भारत भी हिल गया. इसके अलावा भूकंप के झटके चीन तक में महसूस किये गए. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, नेपाल में भूकंप से काफी तबाही हुई है. कम से कम आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है, तो...

Updated on: 09 Nov 2022, 07:21 AM

highlights

  • नेपाल में भूकंप का केंद्र
  • उत्तर भारत में महसूस हुए कई झटके
  • नेपाल, भारत के अलावा चीन में भी कांपी धरती

नई दिल्ली:

Earthquake jolts Nepal, Northern India and China: नेपाल में देर रात आए भूकंप के झटकों से नेपाल ही नहीं, समूचा उत्तर भारत भी हिल गया. इसके अलावा भूकंप के झटके चीन तक में महसूस किये गए. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, नेपाल में भूकंप से काफी तबाही हुई है. कम से कम आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है, तो सेना को प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्यों में लगाया गया है. इधर भारत में दिल्ली-एनसीआर, पटना, लखनऊ, देहरादून जैसे शहरों के अलावा पूर्वोत्तर के राज्यों में भी भूकंप के झटके महसूस किये गए. वहीं, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में सुबह 6.27 बजे भूकंप का तेज झटका आया, जिसकी तीव्रता 4.7 दर्ज की गई है. 

रात करीब 2 बजे पहला झटका

भूकंप का पहला तेज झटका रात 1.57 बजे महसूस हुआ. इसका केंद्र नेपाल था. जानकारी के मुताबिक, भूकंप के पहले झटके की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 मापी गई. इसका केंद्र बिंदु सतह के 10 किमी नीचे था, जिसने धरती पर जमकर तबाही मचाई. भारत के मणिपुर से लेकर दिल्ली और नेपाल से लेकर चीन तक इस भूकंप से हिल उठे. नेपाल में कम से कम 6 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है.

एक के बाद एक कई झटके

नेपाल में कई बार तेज झटके महसूस किये गए. ये झटके दिल्ली-एनसीआर में भी बराबर लगते रहे. रात तीन बजे करीब 3.6 तीव्रता के दूसरे झटके से फिर लोग परेशान हो उठे. काफी देर तक इस बार धरती हिली. वहीं, तीसरे झटके की तीव्रता 4.9 मापी गई. अब तक करीब आधा दर्जन लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. 

पिथौरागढ़ में भी कांपी धरती

नेपाल के अलावा भारत के उत्तराखंड में भी धरती कांपी है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में सुबह 6.27 बजे भूकंप आया. इसकी तीव्रता 4.3 दर्ज की गई. इसका केंद्र धरती की सतह से करीब 5 किमी नीचे था. अभी तक नुकसान का कोई आंकलन नहीं हो सका है.