Gujarat Earthquake: गुजरात के भावनगर जिले में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई तीव्रता

गुजरात में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप भावनगर जिले में आया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई है.

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Earthquake ( Photo Credit : Social Media)

Gujarat Earthquake: गुजरात में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप भावनगर जिले में आया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई है. भूकंप रात करीब 11 बजे आया है. बता दें, इसकी शुरुआत पृथ्वी के भीतर से होती है, जहां चार प्रमुख प्लेट्स इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट मौजूद होती हैं. जब पृथ्वी के नीचे ये प्लेट्स घूमती हैं और आपस में टकराती है, तो पृथ्वी की सतह के नीचे भूचाल उत्पन्न होता है. इससे ये प्लेट्स अपनी जगह से खिसक जाती है, तो भूकंप के झटके में तबदील हो जाती है. 

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जहां ये पूरी प्रक्रिया होती है, वहीं भूकंप का असर सबसे ज्यादा रहता है. हालांकि, अगर इसकी तीव्रता अधिक हो तो इसके झटके दूर तक महसूस किए जाते हैं. जैसे काठमांडू केंद्र का भूकंप बिहार के कई हिस्सों में महसूस किया गया है. 

जानें कितना रिक्टर स्केल विनाशकारी है 

1.9 रिक्‍टर स्‍केल
इस तीव्रता के भूकंप सिर्फ सीज्‍मोग्राफ पर ही दर्ज हो पाते हैं. आम लोगों को ये महसूस नहीं होते हैं. हर साल ऐसे लगभग 10 हजार भूकंप आते हैं 

2.9 रिक्‍टर स्‍केल
2.9 रिक्‍टर स्‍केल के भूकंप से बहुत हल्का सा कंपन महसूस होता है. इससे जानमाल का नुकसान नहीं होता है. 

3.9 रिक्‍टर स्‍केल
इस स्थिति में हल्‍के झटके महसूस होते हैं. इस तरह का अनुभव महसूस होता है जैसे आपके करीब से कोई गाड़ी निकल गई हो. इनमें भी जानमाल का नुकसान नहीं होता है.

4.9 रिक्‍टर स्‍केल
इसमें हल्के से तेज झटके लगते हैं. अब आपके घर की दीवार पर टंगी तस्वीरें गिर सकती हैं, खिड़कियां टूट सकती हैं और इमारतों को नुकसान भी हो सकता है.

5.9 रिक्‍टर स्‍केल 
इस स्टेज पर घर में रखे फर्नीचर हिलने लगते हैं. मकान की दीवारों में दरारें भी आ सकती हैं. 

6 - 6.9 रिक्‍टर स्‍केल
इतनी तीव्रता पर पूरे शहर में भूकंप का प्रभाव दिखता है. कच्चे घर ढ़हा जाते जाते हैं, इमारतों की नींव भी दरक सकती है. हर साल ऐसे करीब 200 भूकंप आते हैं. 

7.9 रिक्‍टर स्‍केल
ये भूकंप विनाशकारी होते हैं. बहुत तीव्र कंपन महसूस होते हैं, इस स्थिति में जानमाल का काफी नुकसान होता है. बड़ी इमारतें गिर सकती हैं और सूनामी आने का भी खतरा रहता है.

8.9 रिक्‍टर स्‍केल
जानमाल का बहुत नुकसान होता है. बड़े-बड़े पुल ढह जाते हैं, शहर के शहर तबाह हो जाते हैं.

9.9 रिक्‍टर स्‍केल
इस स्टेज पर पृथ्‍वी के बड़े हिस्‍से का नाश हो जाएगा. मैदान की धरती खेत की तरह लहराएगी. फिलहाल तो ऐसी प्रलय की सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं.

10 रिक्‍टर स्‍केल
10 रिक्‍टर स्‍केल का भूकंप इतना विनाशकारी होगा कि इसके आने पर शायद ही धरती पर कोई बचे

11 रिक्टर स्केल
11 रिक्टर स्केल भूकंप आने पर धरती में दरारें आ जाएंगी, मनुष्य जीवन बचना मुश्किल हो जाएगा. सभी जीव जन्तु मारे जाएंगे

12 रिक्टर स्केल 
वहीं  अगर किसी वजह से 12 रिक्टर स्केल का भूकंप आता है धरती के दो टुकडे हो जाएंगे. धरती पर जीव नाम की कोई चीज नहीं बचेगी.

क्या संकेत देना चाहती है कुदरत?
दिन-ब-दिन कुदरती कहर का खौफ बढ़ता जा रहा है. चाहे भीषण बाढ़ हो या फिर विनाशकारी भूकंप, ऐसे में कुदरत के संकेतों को समझना जरूरी है. दरअसल देखा जाए तो, तमाम भूवैज्ञानिक इस ओर अपनी चिंता प्रकट कर चुके हैं. उनके द्वारा कई बार न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया में प्रलयकारी भूकंप का अंदेशा जाहिर किया गया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि, इन किश्तों में आ रहे झटकों का अंजाम कुछ बुरा भी हो सकता है.

Source : News Nation Bureau

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