ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव वी.के. शशिकला के वफादार ई. पलनीसामी ने गुरुवार शाम को तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने राजभवन में पलानीसामी और उनके 30 मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री पद की शपथग्रहण समारोह के दौरान शशिकला समर्थकों ने 'चिन्नम्मा' जिंदाबाद के नारे लगाए।
पलानीसामी ने वित्त, गृह विभाग जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय अपने पास रखा है। पहले भी यह विभाग उनके पास था। लोक निर्माण, राजमार्ग तथा छोटे बंदरगाह मंत्रालय भी वह अपने पास ही रखेंगे। पन्नीरसेल्वम की सरकार में यह मंत्रालय उन्हीं के पास थे।
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राजभवन ने बयान में कहा कि पलनीस्वामी लोक निर्माण, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा, सामान्य प्रशासन, जिला राजस्व अधिकारियों, पुलिस तथा गृह, वित्तीय योजना, विधानसभा चुनाव तथा पासपोर्ट, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार (प्रशिक्षण), सिंचाई, राजमार्ग तथा छोटे बंदरगाह का विभाग अपने पास रखेंगे।
पार्टी के वरिष्ठ नेता सी. श्रीनिवासन तथा के. ए. सेनगोट्टैयन को को वन मंत्रालय, स्कूली शिक्षा व खेल तथा युवा कल्याण मंत्रालय सौंपा गया है। पी.थंगमणि को विद्युत, मद्य निषेध व आबकारी मंत्रालय सौंपा गया है।
64 वर्षीय पलानीसामी को वीके शशिकला का समर्थन प्राप्त है। शशिकला, फिलहाल आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद बेंगलुरू जेल में बंद हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला को जेल के बाद पलानीसामी को पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया था। राज्यपाल कार्यालय के मुताबिक, पलानीसामी को 15 दिनों के भीतर विधानसभा में बहुमत सिद्ध करना होगा। पलानीसामी को एआईएडीएमके के 135 में से 124 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई है। फिलहाल, वह बेंगलुरू जेल में हैं। शशिकला के साथ उनके संबंधी एलावारसी और वी.एन.सुधाकरण को भी जेल हुई है।
पन्नीरसेल्वम ने सात फरवरी को यह कहते हुए शशिकला के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजा दिया था कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया ताकि शशिकला को यह पद मिल सके। शशिकला ने पलटवार करते हुए पन्नीरसेल्वम को एआईएडीएमके के कोषाध्यक्ष पद से और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था।
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लोकसभा के उपसभापति एम.थंबीदुरई ने कहा कि राज्य में जयललिता की विरासत जारी रहेगी। पलानीसामी उन चार मंत्रियों में से एक हैं जो पार्टी मामलों पर जयललिता को सलाह दिया करते थे।
जयललिता के निधन के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए उनका नाम सुझाव गया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सेलम जिले के नेडुनगुलम गांव के रहने वाले पलानीसामी गोंडर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
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वह 1980 के दशक में एआईएडीएमके से जुड़े। पार्टी के संस्थापक एम.जी.रामचंद्रन के 1987 में निधन के बाद पार्टी के दो फाड़ होने पर वह जयललिता के साथ रहे। वह 1989 में एडापेडी निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे और 1991 तक इस सीट पर रहे।
पेशे से किसान पलानीसामी 2006 में एडापाडी सीट से हारने के बाद कुछ समय के लिए हाशिए पर चले गए, लेकिन इसी निर्वाचन क्षेत्र से 2011 में जीत दर्ज करने के बाद वह फिर चर्चा में आए। वह 2016 चुनाव में एडापाडी सीट से 42,000 से अधिक वोटों से जीते और जयललिता मंत्रिमंडल में लोक निर्माण एवं राजमार्ग मंत्री बनाए गए।
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HIGHLIGHTS
- ई पलानीसामी बने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री, 30 मंत्रियों ने भी ली शपथ
- शशिकला के करीबी हैं पलानीसामी, जयललिता के भी नजदीकी रह चुके हैं सीएम
Source : News Nation Bureau