डूटा ने 40 प्रतिशत ऑनलाइन शिक्षा का प्रस्ताव किया खारिज

डूटा के अध्यक्ष राजीब रे ने कहा कि ऐसे समय में, जब राष्ट्रीय दैनिक और समाचार चैनल जीवन और विश्वविद्यालयों के दैनिक नुकसान की रिपोर्ट कर रहे हैं, अन्य क्षेत्रों की तरह, विश्वविद्यालय शिक्षकों और प्रख्यात विद्वानों के जीवन की हानि हो रही है.

डूटा के अध्यक्ष राजीब रे ने कहा कि ऐसे समय में, जब राष्ट्रीय दैनिक और समाचार चैनल जीवन और विश्वविद्यालयों के दैनिक नुकसान की रिपोर्ट कर रहे हैं, अन्य क्षेत्रों की तरह, विश्वविद्यालय शिक्षकों और प्रख्यात विद्वानों के जीवन की हानि हो रही है.

author-image
Ritika Shree
New Update
DUTA

DUTA( Photo Credit : गूगल)

डूटा ने मिश्रित शिक्षा पर विनियमन को खारिज कर दिया. मिश्रित शिक्षा के अंतर्गत कई विषयों में 60 प्रतिशत पढ़ाई पारंपरिक तरीके से और 40 प्रतिशत शिक्षा ऑनलाइन प्रदान करने का सुझाव है. डूटा ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए इसे अनुपयोगी करार दिया है. डूटा ने 25 मई को जारी किए गए शिक्षण और सीखने के मिश्रित मोड के कॉन्सेप्ट नोट पर अपनी यह प्रतिक्रिया दी है. कॉन्सेप्ट नोट का प्रस्ताव है कि प्रत्येक पाठ्यक्रम और टेस्ट का 40 प्रतिशत तक ऑनलाइन पढ़ाया और मूल्यांकन किया जाए. डूटा के अध्यक्ष राजीब रे ने कहा कि ऐसे समय में, जब राष्ट्रीय दैनिक और समाचार चैनल जीवन और विश्वविद्यालयों के दैनिक नुकसान की रिपोर्ट कर रहे हैं, अन्य क्षेत्रों की तरह, विश्वविद्यालय शिक्षकों और प्रख्यात विद्वानों के जीवन की हानि हो रही है. छात्रों को परिवार के सदस्यों के नुकसान की अद्वितीय त्रासदियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं यूजीसी एनईपी को लागू करने के लिए नियम बनाने में व्यस्त है.

Advertisment

डूटा अध्यक्ष ने कहा कि महामारी ने विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए प्रेरित किया है और यूजीसी का शिक्षकों और छात्रों द्वारा उठाए गए मुद्दों के आलोक में इसके वास्तविकता का आकलन करना बाकी है. चाहे वह डिजिटल डिवाइड हो या अनुपस्थिति के कारण अलगाव की सर्वव्यापी भावना हो. महामारी को ऐसे 'सुधारों' के माध्यम से आगे बढ़ाने के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. इसका उद्देश्य शिक्षा पर सरकारी खर्च को वापस लेना और उच्च शिक्षा संस्थानों को व्यावसायीकरण के लिए मजबूर करना है. यह अंतत देश में सार्वजनिक वित्त पोषित शिक्षा को समाप्त कर देगा.

दिल्ली विश्वविद्यालय स्थित विवेकानंद कॉलेज के 12 एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति न किए जाने के मुद्दे पर भी डूटा ने सख्त विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है. डूटा का कहना है कि विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल का कार्यकाल पूरा हो चुका है, इसलिए अविलंब उन्हें सेवा मुक्त कर नया प्रिंसिपल नियुक्त किया जाना चाहिए. डूटा इस विषय में 7 और 8 जून को जून को अपना विरोध दर्ज कराएगा. साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति, दोनों से ही एडहॉक टीचर की पुनर्नियुक्ति सुनिश्चित करने की मांग की गई है.

HIGHLIGHTS

  • डूटा ने प्रस्ताव को खारिज करते हुए इसे अनुपयोगी करार दिया है
  • डूटा इस विषय में 7 और 8 जून को जून को अपना विरोध दर्ज कराएगा

Source : IANS

Universities lockdown covid19 Rejected DUTA education Online Education
Advertisment