नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान किस पार्टी के कौन से सांसद ने क्या कहा, जानें उनकी बड़ी बातें

जेडीयू के अलावा बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस और एलजेपी ने भी बिल का समर्थन किया है, वहीं शिवसेना ने इस बिल को लेकर सवाल उठाए हैं

जेडीयू के अलावा बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस और एलजेपी ने भी बिल का समर्थन किया है, वहीं शिवसेना ने इस बिल को लेकर सवाल उठाए हैं

author-image
Sushil Kumar
एडिट
New Update
नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान किस पार्टी के कौन से सांसद ने क्या कहा, जानें उनकी बड़ी बातें

CAB पर चर्चा के दौरान बोलते लोग( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

नागरिकता संशोधन बिल पर लोकसभा में बहस जारी है. गृहमंत्री अमित शाह ने बिल को पेश करते हुए कहा कि इसके पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. इस बिल से लोगों को न्याय मिलेगा. वहीं कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया है. बिल का विरोध करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने बिल की कॉपी फाड़ दी. उन्होंने कहा कि यह बिल भारत को तोड़ने का काम करेगा. देश को एक और बंटवारा किया जा रहा है. वहीं शिवसेना ने इस बिल को लेकर सवाल उठाए हैं. हालांकि, जेडीयू समेत कई दलों ने खुलकर समर्थन किया है. जेडीयू के अलावा बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस और एलजेपी ने भी बिल का समर्थन किया है.

Advertisment

राजीव रंजन, जेडीयू
जेडीयू के नेता राजीव रंजन सिंह ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि यह बिल सेकुलरिज्म की भावना को मजबूत करने वाला है. उन शरणार्थियों को नरक से निकालने वाला है, जो अपना घर और सम्मान छोड़कर आए हैं. यह बिल कहीं से भी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को चुनौती नहीं देता है.

चिराग पासवान, लोजपा
लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. इससे भारत के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को कोई लेना-देना नहीं है. इस बिल का संबंध अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों से है.

अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बोले कि भारत सदियों से जियो और जीने दो की बात करता रहा है. उन्होंने कहा कि हम किसी पीड़ित को शरण देने के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसका आधार धार्मिक होने के चलते यह संविधान की भावना के खिलाफ है.

विनायक राउत, शिवसेना
शिवसेना सांसद विनायक राउत ने कहा कि इन तीन देशों से अब तक कितने लोग आए हैं और कितने लोगों की पहचान की गई है. यदि सारे लोगों को नागरिकता दी गई तो देश की आबादी बहुत बढ़ जाएगी.

अफजाल अंसारी, बसपा
बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि मुस्लिमों को भी इसमें शामिल किया जाए. बांग्लादेश की लड़ाई के वक्त या फिर उससे पहले या बाद में भारत आए मुस्लिमों को भी नागरिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि शरणार्थी का कोई जाति, धर्म नहीं होता.

सुप्रिया सुले, एनसीपी
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने इस बिल का विरोध किया. किसी भी समुदाय को शरणार्थी के दायरे से बाहर रहना ठीक नहीं है. यह बिल संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का भी उल्लंघन करता है.

अभिषेक बनर्जी, टीएमसी
तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि एनआरसी एक लॉलीपॉप है, सीएबी उससे भी बड़ा लॉलीपॉप है. उन्होंने कहा कि आज स्वामी विवेकानंद जिंदा होते तो उन्हें बहुत दुख होता.

मनीष तिवारी, कांग्रेस
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि यह बिल संविधान के मूल ढांचा का उल्लंघन है. हमारे परंपरा का उल्लंघन करता है. धर्म के आधार पर लोगों को नागरिकता देना बिल्कुल गलत है.

असदुद्दीन ओवैसी, AIMIM
असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का विरोध करते हुए बिल की कॉपी फाड़ दी. उन्होंने कहा कि यह बिल हमारे संविधान के खिलाफ है. हमारे स्वतंत्रता सेनानी का अपमान है. यह बिल देश को बांटने वाला है. धर्म के नाम पर लोगों को नागरिकता देना संविधान के खिलाफ है.

अमित शाह, गृहमंत्री
अमित शाह ने कहा कि बिल किसी भी धर्म के प्रति भेदभाव नहीं करता है. ये बिल एक सकारात्मक भाव लेकर आया है, उन लोगों के लिए जो भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित है. प्रताड़ित शरणार्थी होता है, घुसपैठिया नहीं होता. संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 25 का उल्लंघन नहीं है. 1947 में पाकिस्तान में 23 फीसदी हिंदू थे, लेकिन वहीं साल 2011 में ये आकंड़ा 3.4 फीसदी रह गया. पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए भारत मूकदर्शक नहीं बन सकता.

धर्म के आधार पर ही देश का विभाजन हुआ था. देश का विभाजन धर्म के आधार पर न होता तो अच्छा होता. इस बिल को लेकर आने की जरूरत ही नहीं होती. 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ था, जो कि धरा का धरा रह गया.

भगवंत मान, आम आदमी पार्टी
सांसद भगवंत मान ने कहा कि इस बिल के जरिए संविधान का कत्ल हो रहा है. आजादी के बाद किसी को भी धर्म के नाम पर नागरिकता नहीं मिली.

रविशंकर प्रसाद, बीजेपी
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसी की हिम्मत नहीं है भारत का बंटवारा कर दे. ये देश मजबूत है. हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सब मिलकर साथ रहते हैं और इस देश को आगे बढ़ाते हैं. अब इस देश को कोई तोड़ नहीं सकता.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

congress JDU amit shah Shiv Sena Citizenship Amendment Bill
      
Advertisment