भोपाल सेंट्रल जेल से सिमी के कथित 8 आतंकियों के भागे जाने के मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है। 30 अक्टूबर को जेल ब्रेक के दिन जेल की सुरक्षा में तैनात 160 जवानों में से 80 जवानों की तैनाती मुख्यमंत्री, जेल मंत्री, पूर्व जेल मंत्री और मुख्य सचिव जैसे बड़े अधिकारियों की सुरक्षा में तैनात थे। हालांकि मध्य प्रदेश की जेल मंत्री कुसुम मेहदेले ने कहा कि मीडिया आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है।
जेल से बाहर तैनात 80 सुरक्षा कर्मियों में से 20 जेल मुख्यालय, 10 प्रमुख सचिव जेल, 4 जेल मंत्री, 4 पूर्व जेल मंत्री और 4 की तैनाती जेल अधीक्षक के घर पर की गई थी।
विपक्ष जेल ब्रेक की घटना के मामले में सरकार पर शुरू से ही हमलावर है। विपक्षी दलों का कहना है सरकार की लापरवाही की वजह से सिमी के आतंकियों के जेल तोड़कर भागने में मदद मिली। इस बीच पूर्व जेल आईजी की भी चिट्ठी सामने आई थी, जिसमें उन्होंने भोपाल सेंट्रल जेल की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी थी लेकिन सरकार ने इस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की।
इस बीच कथित एनकाउंटर को लेकर मचे बवाल के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज एस के पांडे की अध्यक्षता में जेल ब्रेक और एनकाउंटर की जांच होगी।
एनकाउंटर के बाद लगातार हो रहे खुलासों के बाद अब एक ऑडियो टेप सामने आया है जिसमें एनकाउंटर के दौरान पुलिस वालों के बीच वायरलेस पर हुई बातचीत रिकॉर्ड है। पुलिस वाले सिमी के कथित आतंकियों को घेर कर काम तमाम करने की बात करते हुए सुने जा सकते हैं।