जम्मू-कश्मीर में बाढ़ जैसे हालात, भारतीय सेना एक बार फिर बनी लोगों के लिए जीवन रक्षक

म्मू कश्मीर के लोगों के लिए कोई सबसे बड़ा मददगार है तो वो है भारतीय थल सेना और वायुसेना

म्मू कश्मीर के लोगों के लिए कोई सबसे बड़ा मददगार है तो वो है भारतीय थल सेना और वायुसेना

author-image
kunal kaushal
एडिट
New Update
जम्मू-कश्मीर में बाढ़ जैसे हालात, भारतीय सेना  एक बार फिर बनी लोगों के लिए जीवन रक्षक

फाइल फोटो

जम्मू कश्मीर इन दिनों बर्फबारी और भारी बारिश की मार झेल रहा है। लगातार हो रही बारिश और नदियों के बढ़ते जल स्तर की वजह से वहां कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। झेलम नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। ऐसे में अगर जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कोई सबसे बड़ा मददगार है तो वो है भारतीय थल सेना और वायुसेना।

Advertisment

2014 के बाढ़ राहत की तरह ही इस बार भी सेना ने वहां के लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए मोर्चा संभाल लिया है।

सेना ने पुंछ में बचाई 17 लोगों की जान

भारी बारिश से जम्मू कश्मीर के पुंछ में कई इलाके बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। कलाई पुल और सुरनकोट में फंसे 17 लोगों को भारतीय सेना के जवानों ने हेलिकॉप्टर की मदद से बचाया और उनको सुरक्षित स्थान पर भी ले गए। थल सेना और भारतीय सेना लगातार स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं।

सेना के जवान बिना आराम किए लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद कर रहे हैं। कुलगाम में पानी के तेज बहाव में एक सूमों के बह जाने पर जवानों ने अपनी जान पर खेलकर 5 लोगों की जान बचाई। जबकि रेस्क्यू टीम लापता पांच लोगों की लगातार खोज कर रही है।

सोपोर में बाढ़ की वजह से गलियों में चल रही है नाव

जम्मू कश्मीर के सोपोर में भारी बारिश के बाद हालात बेहद खराब हैं। कई लोगों के घर तब बाढ़ में डूब चुके हैं। खराब मौसम के बावजूद सेना स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इन इलाकों में लोगों को घर से बाहर निकालने में जुटे हुए हैं। लगातार बारिश के बाद हालात को देखते हुए दक्षिण और मध्य इलाकों में बाढ़ घोषित कर दी गई है।

गौरतलब है कि साल 2014 में आए भीषण बाढ़ में भी सेना के जवानों ने जान की बाजी लगाकर सैंकड़ों लोगों की जान बचाई थी। सेना के इस मदद को देखकर वहां के स्थानीय नागरिक भी उनके मुरीद हो गए थे।

इसे भी पढ़ें: WHO- सीरिया में हुआ कथित कैमिकल अटैक ख़तरनाक, हमले में करीब 100 लोग मारे गए थे

 दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता वहां के लोगों को सेना के खिलाफ भड़काते हैं उनके खिलाफ उनमें नफरत भरने की कोशिश करते हैं। बहकावे में आकर वहां कुछ लोग जवानों पर पत्थरबाजी भी करते हैं लेकिन फिर सेना इन सबको भूलकर बिना किसी स्वार्थ के जम्मू कश्मीर के लोगों की सेवा में सबसे आगे रहती है।

 इसे भी पढ़ें: सीरिया में रासायनिक हमले में 100 से ज्यादा लोगों की मौत

Source : News Nation Bureau

Heavy Rains Jammu and Kashmir flood heavy snowfall
      
Advertisment