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कोरोना का खतरा देख आयोग ने रद्द किए कई राज्यों की खाली सीटों पर उपचुनाव

चुनाव आयोग ने बुधवार को चुनाव टालने के संबंध में बयान भी जारी किया है. भारतीय निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कहा है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव टालने का निर्णय लिया गया है.

Updated on: 06 May 2021, 12:04 AM

नयी दिल्ली:

भारतीय निर्वाचन आयोग ने कोरोना के खतरे को देखते हुए कई राज्यों में खाली हुई लोकसभा और विधानसभा सीटों के उपचुनाव को टाल दिया है. आयोग माहौल सामान्य होने पर इन सीटों पर चुनाव कराएगा. चुनाव आयोग ने बुधवार को चुनाव टालने के संबंध में बयान भी जारी किया है. भारतीय निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कहा है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव टालने का निर्णय लिया गया है. आयोग के मुताबिक, दादर एवं नगर हवेली, मध्यप्रदेश में खंडवा और हिमाचल प्रदेश में मंडी लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जबकि हरियाणा में ऐलनाबाद और कालका, राजस्थान में वल्लभनगर, कर्नाटक में सिंगड़ी, मेघालय में राजबाला और मावरिनक्नेंग, हिमाचल प्रदेश में फतेहपुर और आंध्रप्रदेश में बडवेल विधानसभा की खाली सीटों पर भी उपचुनाव होना है.

आपको बता दें कि मौजूदा समय देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है. इस बीच देश में तीसरी लहर को लेकर भी चेतावनी जारी की गई है. केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन का कहना है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राघवन ने कहा, वायरस का अधिक मात्रा में सकुर्लेशन हो रहा है और तीसरी लहर भी आएगी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह कब आएगी और किस स्तर की होगी. हमें नई (तीसरी) लहर के लिए तैयारी करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि नए स्ट्रेन से निपटने के लिए अपग्रेडेशन के लिए कोविड-19 वैक्सीन की नियमित निगरानी की आवश्यकता है.

वैज्ञानिक सलाहकार ने यह भी कहा कि वायरस के स्ट्रेन पहले स्ट्रेन की तरह फैल रहे हैं. इनमें नई तरह के संक्रमण का गुण नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वेरिएंट्स के खिलाफ वैक्सीन प्रभावी हैं. देश और दुनिया में नए वेरिएंट्स आएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि एक लहर के खत्म होने के बाद सावधानी में कमी आने से वायरस को फिर से फैलने का मौका मिलता है.

विजयराघवन ने इस बात पर भी जोर दिया कि वर्तमान में उपलब्ध टीके मौजूदा वेरिएंट के मुकाबले प्रभावी हैं. उन्होंने कहा कि भारत और दुनिया भर में वैज्ञानिक नए वेरिएंट्स का पूवार्नुमान लगाने और जल्दी चेतावनी और तेजी से संशोधित टूल विकसित करके उनके खिलाफ काम कर रहे हैं.