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डीयू: ईसी सदस्यों को विरोध के फूल, छात्रों ने कहा अब कैंपस तुरंत जाए खुल

डीयू: ईसी सदस्यों को विरोध के फूल, छात्रों ने कहा अब कैंपस तुरंत जाए खुल

Updated on: 31 Aug 2021, 04:35 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र कैंपस में वापस लौटना चाहते हैं। छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के सबसे बड़ी निर्णायक समिति कार्यकारी परिषद से कहा है की अब कैंपस को छात्रों के लिए खोल दिया जाए। साथ ही छात्रवासों को भी तुरंत प्रभाव से खोला जाए। छात्रों ने अपनी यह मांग मनवाने और कैंपस बंद होने का विरोध जताते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सभी सदस्यों को गुलाब का फूल भेंट किया।

मंगलवार को हो रही एग्जीक्यूटिव काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक से पहले विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) ने इस संबंध में कार्यकारी परिषद के सदस्यों से मुलाकात की। छात्रों ने कार्यकारी परिषद के सदस्यों को बताया कि कैंपस बंद होने के कारण छात्रों की नुकसान पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व डूसू के पदाधिकारियों ने कार्यकारी परिषद के सदस्यों को बैठक में जाने से पहले कैंपस को खोलने की मांग करते हुए गुलाब का फूल सौंप कर कार्यकारी परिषद से अपना विरोध भी दर्ज करवाया।

इस साल के 12वी के परिणामों को देखते हुए बड़ी संख्या में छात्र अच्छा परिणाम लाये हैं और उसे ध्यान में रखते हुए सभी विभागों में 10 फीसदी सीटों बढ़ाए जाने की मांग भी विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय के समक्ष रखी है।

छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को एक मांगपत्र दिया है। इसमें कहा गया है कि सभी कॉलेजों के स्पोर्ट्स कोटा की सीट को जारी किया जाए, स्नातक व स्नातकोत्तर छात्रों को आवेदन के लिये अतिरिक्त समय दिया जाए। सभी छात्रवासों को तुरंत प्रभाव से खोला जाए तथा पीएचडी की सीटों की अनियमितता को दूर किया जाए जैसी मांगों को सम्मिलित किया।

अभाविप के सिद्धार्थ यादव ने कहा कि, विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी निर्णायक समिति कार्यकारी परिषद की बैठक होनी थी और उससे पहले सभी कार्यकारी परिषद के सदस्यों को गुलाब का फूल देकर छात्रों की समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया। कार्यकारी परिषद सभी मांगों पर अमल करे ऐसा ही हम चाहते हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.