मणिपुर के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मंत्री लीशांगथेम सुसिंद्रो मेइतेई के आवास के सामने एक बड़ा ड्रॉप बॉक्स लगाया गया है, ताकि हालिया जातीय हिंसा के दौरान सुरक्षा बलों से हथियार लूटने वालों को मदद मिल सके और वे गुमनाम रूप से हथियार जमा करें।
अब तक 130 हथियार और भारी मात्रा में गोला-बारूद जमा किया जा चुका है।
मंत्री ने कहा कि परिष्कृत स्वचालित राइफलों सहित लूटे गए हथियारों को जमा करने के लिए गुमनाम सुविधा का लाभ उठाने के लिए बॉक्स स्थापित किया गया था।
मंत्री के घर के बाहर एक ढके हुए शेड में अंग्रेजी और मैतेई दोनों भाषाओं में लिखे एक बड़े पोस्टर में लिखा है : कृपया अपने छीने हुए हथियार यहां छोड़ दें। बेझिझक ऐसा करें।
इंफाल पूर्व से भाजपा विधायक सुसिंद्रो ने अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करते हुए युवाओं और ग्रामीणों को हथियार जमा कर शांति प्रक्रिया में शामिल होने के लिए राजी किया।
उन्होंने कहा, कुछ युवा जिनके पास हथियार हैं, वे पुलिस के डर से अपने हथियार वापस करने में झिझकते हैं। इसलिए यह गुमनाम बॉक्स बनाया गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, दोनों ने पहले लोगों से अपने हथियारों को आत्मसमर्पण करने की अपील की है और कहा कि अगर लोग स्वेच्छा से हथियार जमा करते हैं तो उन पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
लूटे गए हथियारों की बरामदगी के लिए सेना, विभिन्न अर्धसैनिक बल और मणिपुर पुलिस पिछले नौ दिनों से राज्य भर में तलाशी अभियान चला रही है।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि कार्यकारी मजिस्ट्रेटों के साथ अभियान स्थानीय लोगों के लिए अनावश्यक कठिनाइयों से बचने के लिए जारी रहा।
सूत्रों ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान विभिन्न जिलों से कुल 22 हथियार बरामद किए गए, जिनमें ज्यादातर स्वचालित हैं।
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि 3 मई को दंगे भड़कने के बाद भीड़ ने कई पुलिस थानों और सुरक्षा शिविरों से हजारों विभिन्न प्रकार के हथियार और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद लूट लिया।
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Source : IANS