कबाड़ से बना दिया ड्रोन, Drone बनाने से लेकर DRDO साइंटिस्ट बनने तक काफी दिलचस्प है ड्रोन प्रताप की कहानी

महज 21 साल की आयु में उन्होंने बहुत बड़ा काम कर दिखाया. लड़का कर्नाटक का रहने वाला है. एनएम प्रताप नाम है. लेकिन लोग इनको प्यार से ड्रोन प्रताप कह रहे हैं. उन्हें पीएम मोदी द्वारा DRDO साइंटिस्ट नियुक्त किया गया है.

महज 21 साल की आयु में उन्होंने बहुत बड़ा काम कर दिखाया. लड़का कर्नाटक का रहने वाला है. एनएम प्रताप नाम है. लेकिन लोग इनको प्यार से ड्रोन प्रताप कह रहे हैं. उन्हें पीएम मोदी द्वारा DRDO साइंटिस्ट नियुक्त किया गया है.

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Sushil Kumar
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ड्रोन प्रताप( Photo Credit : फाइल फोटो)

21 वर्षीय लड़का इन दिनों काफी चर्चा में है. लोग इनकी खूब तारीफ कर रहे हैं. आखिर तारीफ तो बनती ही है, उन्होंने जो कर दिखाया है, वो आसान काम नहीं है. महज 21 साल की आयु में उन्होंने बहुत बड़ा काम कर दिखाया. लड़का कर्नाटक का रहने वाला है. एनएम प्रताप नाम है. लेकिन लोग इनको प्यार से ड्रोन प्रताप कह रहे हैं. इस युवक ने कबाड़ से ड्रोन बना दिया. उनके कामों से प्रेरित कई देशों ने उन्हें आने के लिए निमंत्रण भेजा है. फ्रांस ने उन्हें मंथली सैलरी 16 लाख रुपये, 5 बीएचके हाउस और ढाई करोड़ की कार ऑफर किया था, लेकिन उन्होंंने अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए इस बड़े ऑफर को भी ठुकरा दिया.

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प्रताप को अभी तक 87 देशों से न्योता आ चुका है
14 साल की उम्र में पहली बार प्रताप की जान पहचान ड्रोन से हुई. उन्होंने ड्रोन चलाने से लेकर उसे खोलना और रिपेयरिंग का काम भी शुरू कर दिया. 16 साल की उम्र में प्रताप ने ऐसा ड्रोन बनाया जो उड़ सकता था और फोटोज ले सकता था. प्रताप को अभी तक 87 देशों से न्योता आ चुका है. खास बात ये है कि ये ड्रोन उन्होंने कबाड़ से बनाया था. प्रताप बताते हैं कि उन्होंने यह सब खुद से सीखा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रताप ने एक ऐसे प्रोजेक्ट पर काम किया है, जिसमें सीमा सुरक्षा के लिए टेलीग्राफी, ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए ड्रोन बनाना, बिना पायलट का प्लेन, ऑटो पायलट ड्रोन आदि बनाना शामिल है. साथ ही उन्होंने हैकिंस से बचाव के लिए क्रिप्टोग्राफी का काम भी किया है. कर्नाटक बाढ़ के दौरान प्रताप के बनाए ड्रोन्स ने राहत कार्यों में लोगों का खूब साथ दिया.

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प्रताप को अलबर्ट आइंस्टाइन इनोवेशन गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया
इंटरनेशनल ड्रोन एक्सपो 2018 में प्रताप को अलबर्ट आइंस्टाइन इनोवेशन गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया है. प्रताप ई-कचरे की मदद से ऐसे ड्रोन बनाते हैं, जो जरूरतमंद लोगों के काम आते हैं. प्रताप ने अब तक 600 से अधिक ड्रोन बनाए हैं और अब उन्हें ड्रोन वैज्ञानिक के तौर पर पहचान मिल रही है. वे महीने में 28 दिन विदेश यात्रा करते हैं. फ्रांस ने उन्हें अपने संगठनों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है, जिसके लिए उन्हें 16 लाख रुपये, 5 बीएचके घर का मासिक वेतन प्रदान किया जाता. 

Source : News Nation Bureau

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