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pregnant woman to the ambulance( Photo Credit : social media )
ओडिशा में मानवता को जीवंत कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां पर एक गर्भवती मां और उसके बच्चे को बचाने के लिए एक 108 एम्बुलेंस चालक ने वह कर दिखाया जो काबिले तारीफ है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मालकानगिरी जिले के खैरापुट ब्लाक के अंतर्गत मुदुलीपाडा किचापाड़ा गांव के निवासी बाबू कृषाणी को सुबह प्रसव पीड़ा होने लगी. शुकरी को अस्पताल पहुंचने के लिए परिवारवालों ने 108 नंबर डायल किया. इसके तुरंत बाद एम्बुलेंस इलाके में पहुंची. मगर वाहन अंदर ले जाने के योग्य नहीं था, इस कारण गाड़ी महिला के घर तक नहीं पहुंच सकी. एम्बुलेंस को आठ किलोमीटर दूर ही एक जगह पर रोक देना पड़ा. इधर परिवार के सदस्य एम्बुलेंस न आने के कारण परेशान थे. महिला की तबीयत बिगड़ती जा रही थी.
नरेश गाड़ी से उतरा और पैदल ही गांव की ओर चल दिया
रास्ता क्लियर होने के कारण एम्बुलेंस का घर तक पहुंचना असंभव था. इस बीच वाहन चालक तारणहार सबित हुआ. नरेश एक पल गंवाए गाड़ी से उतरा और पैदल गांव की ओर भागा. उन्होंने परिवार के अन्य सदस्यों की सहायता से एक बहंगी तैयार की और शुकरी को उसमें बैठा कर आठ किलोमीटर दूरी खड़ी एम्बुलेस तक ले गए. एक पल गंवाए नरेश गाड़ी से उतरा और पैदल ही गांव की ओर चल दिया. उन्होंने परिवार के अन्य सदस्यों की मदद से एक बहंगी तैयार की और शुकरी को उसमें बैठा कर 8 किलोमीटर दूर खड़े एम्बुलेंस तक ले गए.
फिर नरेश ने एम्बुलेंस चलाकर गर्भवती महिला को खैरापुट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया गया. बाद में उसे बेहतर इलाज के लिए मैथिली सरकार अस्तापाल ले गए. हालांकि, नरेश के उनके मानवीय व्यवहार को लेकर हर तरफ प्रशंसा मिल रही है. इस बस्ती में एम्बुलेंस पहुंचाना आसान नहीं था. इसके बावजूद नरेश ने गर्भवती को बचाने के लिए खुद घर तक पहुंचा और उसे सही समय पर अस्पताल पहुंचाया.
Source : News Nation Bureau