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अग्नि प्राइम मिसाइल का ओडिशा में हुआ सफल परीक्षण, 1500 KM तक मारक क्षमता

अग्नि सीरीज की अग्नि प्राइम (Agni Prime) मिसाइल का ओडिशा में परीक्षण किया गया. इस मिसाइल को मोबाइल लॉन्च से भी फायर कर सकेंगे.

Updated on: 28 Jun 2021, 12:59 PM

highlights

  • मोबाइल लांचर से भी कर सकेंगे फायर
  • मिसाइल में अत्याधुनिक तकनीकि का उपयोग
  • मिसाइल में लगा है GSEA सिस्टम

नई दिल्ली:

भारत ने आज सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर ओडिशा के तट पर अग्नि श्रृंखला की एक नई मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण किया. डीआरडीओ के अनुसार पूर्वी तट के किनारे स्थित विभिन्न टेलीमेट्री और रडार स्टेशनों ने मिसाइल को ट्रैक और मॉनिटर किया. इस मिसाइल ने उच्च स्तर की सटीकता के साथ सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया. गौरतलब है कि अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित इस मिसाइल को सफलतापूर्ण परिक्षण से भारत की रक्षा शाक्ति में बड़ा इजाफा हुआ है. बता दें कि भारतीय मिसाइलों की चाहत आज विश्व बाजार में हो चुकी है. विश्व के कई देश इन मिसाइलों को खरीदने की चाहत रखने लगे हैं. 

सूत्र ने कहा कि नई परमाणु-सक्षम मिसाइल पूरी तरह से कंपोजिट मैटेरियल से बनी है और यह परीक्षण बिल्कुल प्लान के मुताबिक हुआ. कहीं कोई दिक्कत नहीं आई अग्नि प्राइम को मोबाइल लॉन्च से भी फायर कर सकेंगे. समाचार एजेंसी एएनआई ने डीआरडीओ के अधिकारियों के हवाले से कहा, 'पूर्वी तट के किनारे स्थित टेलीमेट्री और रडार स्टेशनों ने मिसाइल पर नज़र रखी और निगरानी की. पूरा लॉन्च प्लान के अनुसार हुआ. सटीकता के साथ सभी मिशन पूरे किए.'

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मोबाइल लॉन्चर से भी कर सकेंगे फायर
अग्नि प्राइम मिसाइल दो स्टेज और सॉलिड फ्यूल पर आधारित है. इसे एडवांस रिंग-लेजर गायरोस्कोप पर आधारित जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम द्वारा निर्देशित किया जाएगा. दोनों चरणों में समग्र रॉकेट मोटर्स हैं. इसका गाइडेंस सिस्टम इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स से लैस हैं. रक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सिंगल स्टेज वाले अग्नि-1 के विपरीत, डबल स्टेज वाले अग्नि प्राइम फ्लैक्सिबिलिटी के साथ सड़क और मोबाइल लॉन्चर दोनों से फायर किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, अग्नि प्राइम में अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग के कारण यह पिछले संस्करण की तुलना में कम वजन वाली स्लीक मिसाइल शक्ति है. इससे इसकी मारक क्षमता पहले तुलना में अधिक घातक होगी. हालांकि, सूत्र ने ज्यादा जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया. 

पहली बार 1989 में अग्नि का हुआ था परीक्षण
आंकड़ों के अनुसार, 'अग्नि प्राइम' एक छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 1000 किमी से 1500 किमी होगी. यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है जो लगभग 1,000 किलोग्राम का पेलोड या परमाणु शस्त्र ले जा सकती है. डबल स्टेड वाली मिसाइल 'अग्नि-1' की तुलना में हल्की और अधिक पतली होगी. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अग्नि प्राइम को 4,000 km रेंज वाली अग्नि 4 और 5,000 km वाली अग्नि पांच में इस्तेमाल होने वाली तकनीक को मिलाकर बनाया गया है.