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drdo( Photo Credit : social media)
मिशन दिव्यास्त्र की सफलता के साथ ही DRDO सहित भारतीय वैज्ञानिकों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. खुद पीएम मोदी ने इसके लिए एक्स पर पोस्ट कर बधाई दी है. बता दें कि, इंडिया की मिसाइल तकनीक को आधुनिक बनाने वाली इस टेक्नोलॉजी से मिसाइल एक साथ कई सौ किलोमीटर में फैले 3 टारगेट को निशाना बना सकती है. इसमें लगे सेंसर पैकेज के साथ 1.5 टन तक न्यूक्लियर हथियार ले जाने की क्षमता है. चलिए आपको बताते हैं कि, आखिर DRDO का यह मिशन दिव्यास्त्र हमारे देश के लिए कितना खास है.
दरअसल, इस दिव्यास्त्र मिशन में मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री (MIRV) तकनीक के साथ अग्नि-5 (Agni-V) मिसाइल को तैयार किया गया है. चलिए एक-एक करके इसकी तमाम अन्य विशेषताओं के बारे में जानते हैं.
1. करीब 50,000 किलोग्राम वजनी और दो मीटर के व्यास के साथ 1.75 मीटर ऊंची अग्नि-वी प्रभावशाली विशिष्टताओं का दावा करती है.
2. यह ठोस ईंधन द्वारा संचालित तीन चरण वाले रॉकेट बूस्टर के ऊपर 1,500 किलोग्राम का एक दुर्जेय हथियार ले जाती है.
3. यह मिसाइल ध्वनि की गति से 24 गुना तेज गति से 8.16 किमी प्रति सेकंड या 29,401 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है.
4. रिंग लेजर जाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (NavIC) और उपग्रह मार्गदर्शन सहित उन्नत नेविगेशन सिस्टम से सुसज्जित, मिसाइल सटीक लक्ष्यीकरण क्षमताओं को सुनिश्चित करती है, जो मोबाइल लॉन्चर से इसके लॉन्च लचीलेपन द्वारा और भी बढ़ जाती है.
Source : News Nation Bureau