डीआरडीओ द्वारा विकसित होवित्जर तोप (Photo Credit: ANI)
बालासोर:
चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत अपनी सैन्य क्षमता में लगातार बढ़ोत्तरी कर रहा है. भारत के पास अब दुनिया की सबसे अच्छी बंदूक है. एटीएजीएस (उन्नत जाली तोपखाने प्रणाली) ओडिशा के बालासोर परीक्षण-फायरिंग रेंज में डीआरडीओ ने हॉवित्जर तोप से गोलीबारी की. डीआरडीओ के ATAGS प्रोजेक्ट डायरेक्टर शैलेन्द्र गाडे ने कहा, "यह दुनिया की सबसे अच्छी बंदूक है. भारत छोड़ अभी तक कोई भी देश इस तरह की बंदूक प्रणाली विकसित नहीं कर पाया है."
उन्होंने कहा, इस तोप को तीन साल के भीतर डिजाइन किया गया और परीक्षण के लिए रखा गया. जल्द ही, इसको पीएसक्यूआर परीक्षणों के अधीन किया जाएगा. हम उम्मीद कर रहे हैं कि तोपखाना प्रणाली क्षेत्र में भारत के पास सबसे बड़ी उपलब्धि होगी. गौरतलब है कि सरकार स्वदेशी तकनीक के जरिए हथियारों को बनाने पर जोर दे रही है, ताकि देश को रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाया जा सके.
आपको बता दें कि एडवांस टावर आर्टिलरी गन 48 किलोमीटर दूर तक बिल्कुल सटीक तरीके से टारगेट हिट कर सकती है. वहीं इस तोप के ऑपरेशनल पैरामीटर की बात की जाए तो यह खुद से 25 किलोमीटर प्रति घंटा मूव कर सकती है. यह 52 कैलिबर राउंड्स लेगी, जबकि बोफोर्स की क्षमता 39 कैलिबर की है. चीन से निपटने में तो ये तोपें काफी कारगर साबित हो सकती हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में भारत चीन से लगती सीमा पर अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इन तोपों को तैनात किया जा सकता है.
#WATCH DRDO-developed indigenous Howitzer Advanced Towed Artillery Gun System test-firing at the Balasore firing range in Odisha pic.twitter.com/mjp8g0CVVt
— ANI (@ANI) December 19, 2020
मालूम हो कि 1980 के बाद से इंडियन आर्मी की आर्टिलरी में कोई नई तोप शामिल नहीं की गई. बोफोर्स डील में हुए विवाद के बाद ये हालात बने. इसके अलावा भारत बोफोर्स का अपग्रेडेड वर्जन धनुष नाम से देश में तैयार कर रहा है. इसका फाइनल ट्रायल चल रहा है. डीआरडीओ मेड इन इंडिया ATAGS होवित्जर के ट्रायल चांदीपुर के अलावा राजस्थान के महाजन रेंज की तपती गर्मी के साथ ही चीन सरहद पर सिक्किम के कड़कड़ाती ठंड में भी हो चुके हैं. अब तक ये तोप 2000 से ज़्यादा गोले दाग चुकी है.