DRDO ने सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट का सफल उड़ान परीक्षण किया
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने शुक्रवार की सुबह करीब 10.30 बजे ओडिशा के तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंजचांदीपुर से सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) प्रौद्योगिकी पर आधारित फ्लाइट टेस्ट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया.
नई दिल्ली:
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने शुक्रवार की सुबह करीब 10.30 बजे ओडिशा के तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंजचांदीपुर से सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) प्रौद्योगिकी पर आधारित फ्लाइट टेस्ट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. बूस्टर मोटर और नोजल रहित मोटर समेत सभी उप प्रणालियों ने अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन किया. परीक्षण के दौरान, ठोस ईंधन आधारित डक्टेड रैमजेट प्रौद्योगिकी सहित अनेक नई प्रौद्योगिकियों का परीक्षण साबित हुआ. ठोस ईंधन आधारित डक्टेड रैमजेट तकनीक के सफल प्रदर्शन ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान को तकनीकी लाभ प्रदान किया है, जिससे वह लंबी दूरी की हवा से हवा में मिसाइलें विकसित कर पाएगा.
वर्तमान में ऐसी तकनीक सिर्फ दुनिया के गिने-चुने देशों के पास ही उपलब्ध है. परीक्षण के दौरान, एयर लॉन्च परिदृश्य को बूस्टर मोटर का उपयोग करके सिम्युलेट किया गया था. बाद में नोजल रहित बूस्टर ने इसको रैमजेट ऑपरेशन के लिए आवश्यक मैक नंबर पर त्वरित किया. मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी आईटीआर द्वारा तैनात इलेक्ट्रो ऑप्टिकल, रडार और टेलीमेट्री उपकरणों द्वारा कैप्चर किए गए आंकड़ों का उपयोग करके की गई थी और मिशन के उद्देश्यों के सफल प्रदर्शन की पुष्टि हुई. इस प्रक्षेपण की निगरानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), अनुसंधान केंद्र इमरत (आरसीआई) और हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेट्री (एचईएमआरएल) सहित विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने की.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एसएफडीआर के सफल उड़ान परीक्षण पर डीआरडीओ, भारतीय वायु सेना और उद्योग के वैज्ञानिकों को बधाई दी. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने भी सफल उड़ान परीक्षण में शामिल टीम को बधाई दी.
भारत ने तेजस सहित 156 रक्षा हथियारों के निर्यात को दी मंजूरी, DRDO ने जारी की लिस्ट
मित्र देशों को अपने हथियारों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, भारत ने गुरुवार को स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस, आर्टिलरी गन, विस्फोटक, टैंक और मिसाइल, एंटी टैंक माइंस और अन्य के निर्यात को मंजूरी दे दी. कुल मिलाकर, सरकार ने 156 रक्षा हथियारों, उपकरणों के निर्यात को मंजूरी दी. इनमें 19 एरोनॉटिकल सिस्टम्स, 16 परमाणु-जैविक-रासायनिक उपकरण, 41 आयुध और लड़ाकू सिस्टम, 28 नौसैनिक सिस्टम, 27 इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन सिस्टम, 10 जीवन सुरक्षा आइटम, चार मिसाइल सिस्टम, चार माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और सात अन्य मैटेरियल शामिल हैं.
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