logo-image

DRDO ने किया Man Portable Air Defence System का टेस्ट, अचूक रहा निशाना

डीआरडीओ ने ऐसी पोर्टेबल मिसाइल की सफलतापूर्वक टेस्टिंग की है, जिसकी तलाश भारतीय सेना को लंबे समय से थी. ये मिसाइल शॉर्ट रेंज की है, लेकिन किसी भी उंचाई पर उड़ते ऑब्जेक्ट खासकर ड्रोन्स को निशाना बना सकती है. इसके अलावा इसकी रेंज में फाइटर जेट से लेकर दुश्मन के हेलीकॉप्टर भी रहेंगे. इस मिसाइल को वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम...

Updated on: 27 Sep 2022, 06:05 PM

highlights

  • डीआरडीओ ने नए मिसाइल सिस्टम को किया टेस्ट
  • VSHORADS मिसाइल सिस्टम से भारत को बहुत फायदा
  • किसी भी लक्ष्य को VSHORADS  कर देगा ढेर

नई दिल्ली:

डीआरडीओ ने ऐसी पोर्टेबल मिसाइल की सफलतापूर्वक टेस्टिंग की है, जिसकी तलाश भारतीय सेना को लंबे समय से थी. ये मिसाइल शॉर्ट रेंज की है, लेकिन किसी भी उंचाई पर उड़ते ऑब्जेक्ट खासकर ड्रोन्स को निशाना बना सकती है. इसके अलावा इसकी रेंज में फाइटर जेट से लेकर दुश्मन के हेलीकॉप्टर भी रहेंगे. इस मिसाइल को वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) के तहत विकसित किया गया है. जिसके दो सफल टेस्ट ओडिशा के चांदीपुर टेस्टिंग रेंज किये गए. ये टेस्ट पूरी तरह से मानकों पर खरे उतरे हैं. इनके सेना में शामिल होने के बाद बॉर्डर पार से आने वाले सभी ड्रोन्स सफलता पूर्वक निशाना बना लिये जाएंगे. 

इंग्लैंड-अमेरिका-इजरायल के खास क्लब में भारत!

डीआरडीओ की ये सफलता भारत को उस खास क्लब में ले आई है, जिसके पास बेहद सटीक एयर डिफेंस सिस्टम है. जिसकी मोबिलिटी शानदार है. ऐसे ही एयर डिफेंस सिस्टम अमेरिका और इंग्लैंड ने यूक्रेन को दिए हैं. जो काफी महंगे हैं, लेकिन डीआरडीओ का ये मिसाइल डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी है और कीमत में भी कम है. यूक्रेन ऐसे मिसाइल डिफेंस सिस्टम के दम पर रूस की नाक में दम किए हुए है. यही वजह है कि उसने न सिर्फ रूसी लड़ाकू विमानों को सफलता पूर्वक निशाना बनाया है, बल्कि रूसी हेलीकॉप्टरों, टैंकों को भी खोज-खोज कर नष्ट किया है. 

हवा में किसी भी लक्ष्य को कर देगा ढेर

डीआरडीओ ने इसे VSHORADS नाम दिया है, जो मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है. इसका मतलब है कि हवा में उड़ रहे किसी भी खतरे को, किसी भी समय नष्ट किया जा सकता है. इस मिसाइल सिस्टम को डीआरडीओ के रिसर्च सेंटर इमारत (RCI), हैदराबाद में डिजाइन किया गया है, जिसमें डीआरडीओ लैबोरेटरीज ने भी सहयोग दिया है. इस मिसाइल सिस्टम में काफी नए फीचर्त भी हैं, जिसमें रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम और इंटीग्रेटेज एविओनिक्स शामिल है. जिसकी वजह से ये मिसाइल दागे जाने के बाद भी कंट्रोल में रहती है और लक्ष्य के अनुरूप अपनी दिशा बदल सकती है. इस मिसाइल को डुअल थ्रस्ट सॉलिड मोटर से लैस किया गया है. 

ये भी पढ़ें: J&K के DGP बोले, PFI के खिलाफ कार्रवाई को सांप्रदायिक नजरिए से न देखें

जल्द भेजी जाएगी पूरी रिपोर्ट

डीआरडीए ने बताया है कि VSHORADS का परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है. इसकी फाइनल रिपोर्ट जल्द ही भेजी जाएगी. अब देखना ये है कि सरकार इसे कितनी जल्दी सेना के हाथ सौंपती है. इस मिसाइल सिस्टम को नौसेना के साथ ही थल सेना के लिए डिजाइन किया गया है.