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DRDO ने विकसित की ये घातक स्वदेशी हथियार, चारों खाने चित्त हो जाएंगे दुश्मन

भारत में निर्मित पूर्ण रूप से स्वदेशी लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का डीआरडीओ और भारतीय सेना ने गुरुवार को सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ ही भारतीय सेना पहले से और भी मजबूत हो गई है.

Updated on: 04 Aug 2022, 08:53 PM

highlights

  • DRDO ने विकसित की लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइल 
  • परीक्षण में मिसाइलों ने निशाने पर सटीकता से किया प्रहार
  • एटीजीएम के सफल परीक्षण पर रक्षा मंत्री ने दी बधाई

नई दिल्ली:

भारत में निर्मित पूर्ण रूप से स्वदेशी लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का डीआरडीओ और भारतीय सेना ने गुरुवार को सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ ही भारतीय सेना पहले से और भी मजबूत हो गई है. इस हथियार की मदद से भारतीय सेना नजदीक से लेकर दूर तक दुश्मन फौज को ध्वस्त करने में सक्षम हो गई है. एटीजीएम का परीक्षण अहमदनगर के आर्मर्ड कोर सेंटर एंड स्कूल (एसीसी एंड एस) के केके रेंज में मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन से किया गया. इस दौरान मिसाइलों ने सटीकता के साथ निशाने पर प्रहार किया. इस दौरान दो अलग-अलग रेंज में लक्ष्यों को सफलतापूर्वक दागा.

गौरतलब है कि एटीजीएम को मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है. वर्तमान में एमबीटी की अर्जुन की 120 मिमी राइफल गन से परीक्षण किया जा रहा है. आज के परीक्षणों के साथ ही यह साबित हो गया है कि यह मिसाइल  नजदीक से लेकर अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम है. ऑल-इंडिजिनस लेजर गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) एक्सक्लूसिव रिएक्टिव आर्मर (ईआरए) संरक्षित बख्तरबंद वाहनों को ध्वस्त करने के लिए एक टेंडेम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (हीट) वार हेड का इस्तेमाल किया जाता है. 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेजर गाइडेड एटीजीएम के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की तारीफ की है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी लेजर गाइडेड एटीजीएम के परीक्षण फायरिंग से जुड़ी टीमों को बधाई दी है.