राष्ट्रपति चुनाव के लिए देशव्यापी प्रचार अभियान पर निकलीं एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू पश्चिम बंगाल पहुंच गई हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर ही विपक्षी दलों ने उनकी पार्टी के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा को अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया है, लेकिन इसके बावजूद भाजपा दावा कर रही है कि 18 जुलाई को मतदान के समय तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक और सांसद आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान कर सकते हैं।
दरअसल, पश्चिम बंगाल की कुल आबादी में लगभग 8 प्रतिशत का हिस्सा आदिवासियों का है। राज्य की लगभग 48 विधानसभा सीटों और 6 लोकसभा सीटों पर जीत-हार में आदिवासी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भाजपा को यह लग रहा है कि तृणमूल कांग्रेस राज्य में अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए आदिवासी मतदाताओं को नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकती है।
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कितनी दुविधा में हैं, इसका अंदाजा उनके हाल ही में दिए गए बयान से लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को चुनावी मैदान में उतारने से पहले विपक्षी दलों से चर्चा की होती तो वह आम सहमति की उम्मीदवार हो सकती थी।
आपको बता दें कि द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को सिलीगुड़ी में सिक्किम के विधायकों से मुलाकात कर राष्ट्रपति चुनाव में उनका समर्थन मांगा और इसके बाद वो सोमवार शाम को ही राज्य की राजधानी कोलकाता पहुंच गई। द्रौपदी मुर्मू आज कोलकाता में पश्चिम बंगाल से जुड़े भाजपा विधायकों और सांसदों के साथ बैठक कर समर्थन की अपील करेंगी।
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Source : IANS