आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन, दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन की कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए डॉ. हंसराज सुमन को सर्वसम्मति से आप टीचर विंग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) की एक मीटिंग ऑनलाइन रविवार को पूर्व अध्यक्ष व एकेडेमिक काउंसिल की सदस्य डॉ. आशा रानी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। संगठन में डॉ. हंसराज सुमन को अध्यक्ष, डॉ. राजेश राव (उपाध्यक्ष), डॉ. नरेंद्र कुमार पांडेय (महासचिव) डॉ. संगीता मित्तल (सचिव) और सुनील कुमार को कोषाध्यक्ष चुना गया।
डॉ. सुमन की नियुक्ति की सूचना कैबिनेट मंत्री और पार्टी के संगठन संयोजक गोपाल राय व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दी जाएगी। इसके अलावा, कार्यकारिणी में छह सदस्यों को रखा गया। इनमें डॉ. आशा रानी, डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. अनिल कुमार सिंह, डॉ. राजकुमार, चारु मित्तल व सुनील कुमार हैं।
नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध अरबिंदो कॉलेज के हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। ये पांच साल नॉन कॉलेजिएट सेंटर के प्रभारी रहे हैं। वर्ष 2015-2017 और 2017-2019 तक दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था एकेडेमिक काउंसिल में सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अलावा ये दिल्ली विश्वविद्यालय की अनेक कमेटियों में रहकर डॉ. सुमन ने अपने दायित्व का निर्वाह किया है।
एडमिशन कमेटी, अपॉइंटमेंट्स और प्रमोशन कमेटी, मेडिकल कमेटी, फंक्शन कमेटी, सलेब्स कमेटी के अलावा डॉ. सुमन डीयू की टास्क फोर्स कमेटी के सदस्य रहे हैं। इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक सम्मान व अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इन्हें दिल्ली सरकार का डॉक्टर अम्बेडकर अवॉर्ड भी मिल चुका है।
डॉ. सुमन ने अपनी नियुक्ति पर कहा कि मुझ पर जो विश्वास किया है उसे कभी डगमगाने नहीं दूंगा, मेरी पहली प्राथमिकता शिक्षक हितों के लिए कार्य करना है। दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले वित्त पोषित 28 कॉलेजों में शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति, पदोन्नति के अतिरिक्त, 20 से अधिक कॉलेजों में स्थायी प्रिंसिपलों और लाइब्रेरियन की नियुक्ति कराना पहली प्राथमिकता रहेगी।
डॉ. सुमन ने बताया कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार के अपने कॉलेजों में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का विस्तार करने की बात चल रही है। दिल्ली सरकार उच्च शिक्षा में दिल्ली के छात्रों का आरक्षण चाहती है। उनका कहना है कि दिल्ली में छात्रों के पंजीकरण के जो आंकड़े हैं, वह लाखों में है। हर साल दिल्ली के लाखों छात्र एडमिशन के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन उन्हें एडमिशन नहीं मिलता। वे एडमिशन से वंचित रह जाते हैं, इसलिए हमारी सरकार की योजना है कि सभी को एडमिशन मिले ऐसी नीति बने, जो जल्द ही शुरू होगी।
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Source : IANS