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विश्वविद्यालयों में अम्बेडकर स्टडी सेंटर व पाठ्यक्रमो में अम्बेडकर को शामिल करने की मांग

विश्वविद्यालयों में अम्बेडकर स्टडी सेंटर व पाठ्यक्रमो में अम्बेडकर को शामिल करने की मांग

Updated on: 10 Apr 2022, 09:45 PM

नई दिल्ली:

शिक्षक संगठनों ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विजिटर, शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी चेयरमैन को पत्र लिखकर मांग की है कि सभी केंद्रीय, राज्य व मानद विश्वविद्यालयों में डॉ. भीमराव अंबेडकर चेयर स्थापित की जाए। इसके साथ ही देशभर के विश्वविद्यालयों में अम्बेडकर स्टडीज सेंटर भी खोलें जाएं।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, इग्नू और राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय आदि किसी भी बड़े केंद्रीय विश्वविद्यालय में अम्बेडकर चेयर नहीं है। साथ ही इन विश्वविद्यालयों में अम्बेडकर को विश्वविद्यालय और कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में शामिल करने की मांग की गई है।

विजिटर को लिखे पत्र में डीटीए ने मांग की है कि केंद्रीय शिक्षामंत्री और यूजीसी के चेयरमैन को डॉ. अम्बेडकर चेयर स्थापित करने व डॉ. अम्बेडकर स्टडीज सेंटर खोलने संबंधी निर्देश दिए जाएं ताकि यह सभी विश्वविद्यालय अपने यहां डॉ. अम्बेडकर चेयर व डॉ. अम्बेडकर स्टडीज सेंटर खोले। उन्होंने स्टडीज सेंटर व अम्बेडकर चेयर के लिए केंद्र सरकार यूजीसी को इसके लिए अतिरिक्त ग्रांट भी उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही इन विश्वविद्यालयों में डॉ. अम्बेडकर से संबंधित विषयों पर रिसर्च हो जो देश की युवा पीढ़ी के लिए लाभदायक सिद्ध हो।

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हंसराज सुमन ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री और यूजीसी के चेयरमैन को लिखे पत्र में कहा गया है कि अंबेडकर के योगदान को आम लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता है। इसके लिए जरूरी है कि सभी केंद्रीय, राज्यों व मानद विश्वविद्यालयों में डॉ. अम्बेडकर चेयर स्थापित हो।

शिक्षक संगठन के मुताबिक डॉ आंबेडकर किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं है बल्कि एक संस्था का नाम है जिन्होंने भारत का नाम केवल उपमहाद्वीप में नहीं बल्कि वैश्विक पटल पर स्थापित किया। यह मांग कर रहे शिक्षकों का कहना है कि जब विदेशों में डॉ आंबेडकर को पढ़ाया जाता है तो भारत के विश्वविद्यालयों में अम्बेडकर स्टडीज सेंटर खोलकर क्यों न उनके विचारों को भारत के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाया जाये।

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