logo-image

जम्मू-कश्मीर से ऑर्टिकल 370 हटने के बाद दिल्ली लौटे एनएसए अजित डोभाल

अधिकारियों ने शोपियां की उनकी यात्रा को लेकर कुछ प्रतिकूल खबरों के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई भी यह श्रेय नहीं छीन सकता कि उन्होंने स्थान का दौरा किया.

Updated on: 16 Aug 2019, 10:11 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल कश्मीर घाटी में 11 दिन बिताने के बाद शुक्रवार को दिल्ली लौट गए. डोभाल जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिये जाने के बाद योजनाओं का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कश्मीर घाटी में थे. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि डोभाल यहां छह अगस्त को आये थे और उन्होंने सुरक्षा और विकास परक गतिविधियों का जिम्मा संभाला. उनका विशेष जोर यह सुनिश्चित करने पर था कि कोई जनहानि नहीं हो. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार घाटी में अपने प्रवास के दौरान शोपियां गए और वहां स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों से मुलाकात की. शोपियां आतंकवाद से सबसे अधिक प्रभावित जिला है. 

मीडिया में एक अज्ञात स्थान पर स्थानीय लोगों के साथ डोभाल के भोजन करने का वीडियो आया था. उक्त वीडियो में उस क्षेत्र में बंद दुकानें भी दिखी थीं. वीडियो में डोभाल यह कहते सुने गए थे कि नया प्रशासन गठित होने के बाद चीजें बदलेंगी. उन्होंने जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना के कर्मियों को अलग अलग संबोधित किया. डोभाल ने सुरक्षा बलों को अशांत क्षेत्रों में उनकी सफलता के बारे में बताया और देश एवं नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनके महत्व को रेखांकित किया. अधिकारियों ने शोपियां की उनकी यात्रा को लेकर कुछ प्रतिकूल खबरों के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई भी यह श्रेय नहीं छीन सकता कि उन्होंने स्थान का दौरा किया.

अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को यह सुनिश्चित करना था कि कोई जनहानि नहीं हो और सम्पत्ति को कोई नुकसान नहीं हो. साथ ही उन्हें यह भी देखना था कि वहां मौजूद सैनिकों का मनोबल ऊंचा रहे और वह इसमें सफल रहे. डोभाल ने अपनी बैठकों के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि सामान्य लोगों को किसी तरह की कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने शहर में अपने प्रवास के दौरान मुख्य क्षेत्रों का दौरा किया जिनमें संवेदनशील ईदगाह क्षेत्र भी शामिल है जो कि सुरक्षा बलों पर पथराव की घटनाओं के लिए बदनाम है.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की सभी इकाइयों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया और उपलब्ध खुफिया जानकारियों के बेहतर उपयोग पर जोर दिया ताकि आंतरिक क्षेत्रों और नियंत्रण रेखा पर अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सके. गत 5 अगस्त को सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को मिला विशेष दर्जा समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के निर्णय की घोषणा की थी.