logo-image

कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज 97.5 फीसद तक कम कर रही मौत का खतरा

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक विश्लेषण की मानें तो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) संक्रमण से मौत की दर कम करने में बेहद प्रभावी साबित हो रही है.

Updated on: 10 Sep 2021, 11:20 AM

highlights

  • वैक्सीन की पहली डोज लेने वालों में मौत का खतरा 96.6 फीसदी कम
  • हर उम्र के लोगों को मौत से बचा रही हैं कोविड वैक्सीन की दोनों डोज
  • अब हर डोज के प्रभाव पर नजर रखने के लिए लांच होगा वैक्सीन ट्रैकर

नई दिल्ली:

कोरोना संक्रमण (Coona Epidemic) से जंग में टीकाकरण (Vaccination) ही अचूक हथियार उद्घोष के साथ चले रहे भारत में कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों के लिए एक और खुशखबरी सामने आई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक विश्लेषण की मानें तो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) संक्रमण से मौत की दर कम करने में बेहद प्रभावी साबित हो रही है. मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड वैक्सीन की पहली डोज लेने वालों में मौत का खतरा 96.6 फीसदी कम हो जाता है. वहीं, जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली हैं, उनमें मौत का खतरा 97.5 फीसदी तक कम हो जाता है. इन परिणाणों से उत्साहित स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही एक ट्रैकर भी लांच करने जा रहा है, जो वैक्सीन के प्रभाव पर नजर रखेगा. 

कोविड वैक्सीन ट्रैकर रखेगा वैक्सीन के प्रभाव पर नजर
स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कोविड वैक्सीन ट्रैकर के लिए आंकड़े सरकार के सभी प्रमुख कोविड-19 वैक्सीन संसाधनों से लिए जाएंगे. इस बारे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक बलराम भार्गव के मुताबिक जल्द ही एक ट्रैकर उपलब्ध कराया जाएगा, जो यह पता लगाने में मदद करेगा कि कोरोना वैक्सीन का उसे लगवाने पर क्या असर पड़ रहा है. जानकारों के मुताबिक यह कोविड वैक्सीन ट्रैकर नेशनल हेल्थ मिशन कोविन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड इंडिया पोर्टल और आईसीएमआर टेस्टिंग डेटाबेस से आंकड़े लेकर उनका विश्लेषण करने के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा. आईसीएमआर के महानिदेशक के मुताबिक बहुत जल्द ही यह प्रयास स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के जरिए लोगों के सामने होगा.

यह भी पढ़ेंः मुख्तार अंसारी को टिकट नहीं देगी BSP, मायावती ने किया भीम राजभर के नाम का ऐलान

हर उम्र पर प्रभावी है कोरोना वैक्सीन
हालांकि अपने जुटाए आंकड़े जारी करते हुए बलराम भार्गव ने बताया, 'कोरोना का पहला टीका संक्रमण से होने वाली मौत को रोकने में 96.6 प्रतिशत प्रभावी साबित हुआ है. यही नहीं, वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद मौत को मात देने की दर 97.5 फीसद हो जाती है. अच्छी बात यह है कि कोरोना टीका हर उम्र के लोगों को संक्रमण से होने वाली मौतों के मामले में सुरक्षा देता है. भले ही वह 60 साल से ज्यादा उम्र के हों या 45 साल से कम उम्र के.'