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बकरीद से पहले गाय की कुर्बानी को लेकर इस मुस्लिम नेता ने दिया बड़ा बयान

कुछ ही दिनों के बाद ईद उल अजहा (Eid Ul Adha) आने वाली है. ईद उल अजहा पर होने वाली कुर्बानी को लेकर असम के नेता बदरुद्दीन अजमल ने मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के लोगों से देश में सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए बड़ी अपीलकी है.

Updated on: 04 Jul 2022, 08:27 PM

highlights

  • AIUDF चीफ ने की बकरीद पर गाय की कुर्बानी नहीं करने की अपील
  • अजमल बोले, हिंदू गाय को मां मानकर करते हैं पूजा, उनका करें सम्मान
  • विश्व हिंदू परिषद ने AIUDF चीफ अजमल के बयान का किया समर्थन

नई दिल्ली:

कुछ ही दिनों के बाद ईद उल अजहा (Eid Ul Adha) आने वाली है. ईद उल अजहा पर होने वाली कुर्बानी को लेकर असम (Assam) के नेता बदरुद्दीन अजमल (Badruddin Ajmal) ने मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के लोगों से देश में सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए बड़ी अपील की है. उन्होंने  कहा है कि इस ईद-उल-अजहा यानी बकरीद के मौके पर गाय की कुर्बानी (Cow Sacrifice) न दें, क्योंकि हिंदू गाय की पूजा करते हैं. बदरुद्दीन अजमल ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख हैं. ऐसे में उनकी ओर से दिया गया यह बयान कई लोगों को चौंकाने वाला लग सकता है.


कुर्बानी के लिए हैं और बहुत जानवर
बदरुद्दीन अजमल ने मुसलमानों को गाय की कुर्बानी न देने की सलाह देते हुए कहा कि इस्लाम में किसी खास जानवर की कुर्बानी के बारे में नहीं कहा गया है. इसलिए मुसलमान गाय के अलावा बकरी, भेड़, भैंस जैसे अन्य किसी जानवर की कुर्बानी भी दे सकते हैं. लेकिन गाय की हत्या से हिंदुओं को ठेस पहुंचती है. इसलिए ऐसा न करें. उन्होंने कहा कि भारत कई अलग-अलग समुदायों और धर्मों के लोगों का घर है. सनातन धर्म, जो गाय को एक पवित्र प्रतीक के रूप में पूजने की प्रथा है, जिसका अधिकांश भारतीयों द्वारा पालन किया जाता है. इसके साथ ही हिंदू गाय को मां मानते हैं.


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बीजेपी के धुर विरोधी रहे हैं अजमल
बदरुद्दीन अजमल असम के धुबरी से सांसद हैं और असम विधानसभा में उनकी पार्टी के 13 विधायक हैं. बदरुद्दीन को मुसलमानों का मुखर नेता माना जाता है. भाजपा अक्सर उनके निशाने पर रहती है. वहीं, दूसरी ओर भाजपा भी उनपर बांग्लादेशियों को बसाने का आरोप लगाती रहती है. वहीं, विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने अजमल के इस बयान का समर्थन किया है.