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डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा- पीएम नरेंद्र मोदी चाहेंगे तभी करेंगे मध्‍यस्‍थता

डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा- पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान दोनों ही शानदार व्‍यक्‍तित्‍व के धनी हैं. पीएम इमरान खान से मिलकर मुझे बहुत अच्‍छा लगा.

Updated on: 02 Aug 2019, 10:09 AM

नई दिल्‍ली:

कश्‍मीर पर भारत और पाकिस्‍तान के बीच मध्‍यस्‍थता को लेकर दिए बयान से घिरे अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप अपने ही बयान से पीछे हट गए हैं. उन्‍होंने मध्‍यस्‍थता का अपना ही प्रस्‍ताव खारिज करते हुए कहा- ऐसा तभी होगा, जब पीएम नरेंद्र मोदी की इच्‍छा होगी. डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा- पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान दोनों ही शानदार व्‍यक्‍तित्‍व के धनी हैं. पीएम इमरान खान से मिलकर मुझे बहुत अच्‍छा लगा. मुझे लगता है कि दोनों नेता कश्‍मीर को लेकर आपसी समझ स्‍थापित कर सकते हैं. मैं दोनों नेताओं से बहुत प्रभावित हूं.

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हालांकि एक तरह से डोनाल्‍ड ट्रंप ने मध्‍यस्‍थता वाली बात फिर से दोहराई है. उन्‍होंने कहा है कि मध्यस्थता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फैसला करना है. मुझे लगता है कि पीएम मोदी और इमरान खान को एक साथ आना चाहिए. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच ये लड़ाई लंबे वक्त से चल रही है.

पाकिस्तानी पीएम इमरान खान से कुछ दिन पहले मुलाकात के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने उनसे मध्‍यस्‍थता के लिए संपर्क किया था. इस पर भारत और अमेरिका के बीच विवाद की स्‍थिति पैदा हो गई थी. भारत की अंदरूनी राजनीति में भी हलचल मच गई थी. संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे को लेकर हंगामा हो गया था और विपक्षी दल पीएम नरेंद्र मोदी से बयान की मांग कर रहे थे.

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भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद के दोनों सदनों में बयान देते हुए दावा किया था कि पीएम मोदी ने कश्मीर मसले पर कभी मध्यस्थता की बात नहीं की. भारत इसे द्विपक्षीय मसला मानता है. इस पर बात तभी हो सकती है जब पाकिस्तान अपनी जमीन से आतंकवाद को खत्म करेगा. डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर अमेरिका में भी बवाल हो गया था. अमेरिकी मीडिया और कई सांसदों ने डोनाल्ड ट्रंप के बयान की आलोचना की थी.

कुछ अमेरिकी सांसदों ने डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर भारत के राजदूत से माफी मांगी थी. इसके अलावा व्हाइट हाउस की ओर से सफाई पेश करते हुए कहा गया था कि कश्मीर मसला भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला है, इसमें मध्यस्थता होनी है या नहीं ये उन देशों के ऊपर ही है.