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पश्चिम बंगाल के बीरभूम हिंसा के मामले में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) सरकार चौतरफा निशाने पर है। वहीं टीएमसी इसे साजिश करार दे रही है।
टीएमसी सांसद डोला सेन ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, ममता बनर्जी के कार्यकाल में बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर सबसे अच्छा है। ममता दी ऐसी ही नेता हैं जो कानून व्यवस्था के मामले में कोई कंप्रोमाइज नहीं करती। बीजेपी और सीपीआईएम की ओर से हमें (टीएमसी) को सलाह की जरूरत नहीं है।
सवाल- बीजेपी टीएमसी नेताओं पर बीरभूम मामले में गंभीर अरोप लगा रही है, कि टीएमसी नेताओं को इस दु:खद घटना पर कोई अफसोस नहीं है?
जवाब- जिस तरह से रूपा गांगुली, बीरभूम हिंसा का जिक्र करते हुए लोकसभा में रो पड़ी थीं क्या इसे दु:ख कहते हैं। हम नहीं मानते, हम उसे रूपा की एक्टिंग मनाते हैं। टीएमसी सरकार राज्य में जो भी कदम उठाए जाने चाहिए थे सब उठाये गए लेकिन कम से कम बीजेपी नेताओं की तरह झूठा दुख और झूठे आंसू और एक्टिंग कर इस मामले में राजनीति नहीं कर रहे हैं।
सवाल- पश्चिम बंगाल में सरकार के लॉ एंड ऑर्डर जिस तरह है लगातर सवाल उठ रहे हैं, ये भी कहा जा रहा है कि राज्य में अब गुंडा राज का वर्चस्व हो गया है?
जवाब- राज्यपाल संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ काम कर रहे हैं। फिलहाल बीरभूम हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा तेजी से उठाए गए कठोर कदमों की जानकारी प्रदेश सरकार ने गृह मंत्री को दी है। सीएम ममता ने बहुत बेहतर ठंग से राज्य में कानून व्यवस्था को संभाला है, पर कुछ घटनाओं से पूरे प्रशासन और सरकार के काम काज पर सवाल उठाना गलत है। ममता बनर्जी के कार्यकाल में बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर सबसे अच्छा है।
सवाल- बीरभूम हिंसा पर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं ने इस पूरी घटना के खिलाफ केंद्र सरकार से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है! वहां बड़े पैमाने पर हत्याएं हो रही हैं। लोग पलायन कर रहे हैं। राज्य अब रहने के लायक नहीं है?
जवाब- बीजेपी अगर ये सवाल पूछती है तो हम कहेंगे ये विपक्ष बताए कि गुजरात में बीजेपी पावर में है, वहां क्या हुआ, हमें यह बताने किसी की जरूरत नहीं है। गोधरा में जेनोसाइड हुआ। पीएम मोदी की बीजेपी की ओर से टीएमसी को कुछ सलाह लेने की जरूरत नहीं है। उत्तरप्रदेश में जिस तरह की घटनाएं हुई ये सबको पता है। टीएमसी के नेताओं ने भी वहां जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। बंगाल में नरसंहार करने वाले सीपीएम को भी हम जानते हैं। हालांकि बीरभूम के रामपुरहाट में जो हुआ, वह खराब हुआ। ऐसा नहीं होना चाहिए था।
सवाल- क्या वजह है कि टीएमसी की और से लगातार राज्यपाल पर आरोप लगाए जा रहे हैं?
जवाब- देखिये बंगाल के राज्यपाल को हटाना ही चाहिए क्योंकि राज्यपाल एक संवैधानिक पद है यह जो राज्यपाल है इसको संविधान के बारे में पता नहीं और न ही पोस्ट के बारे में पता है। ये बीजेपी के पार्टी नेता की तरह बात करते हैं। उसकी तरह व्यवहार भी करते हैं इसलिए उसको जल्द से जल्द हटाना चाहिए। बीजेपी को हम जानते हैं, वह बहुत शक्तिशाली पार्टी है। सब मीडिया को उसने खरीद लिया है। ममता बनर्जी बहुत नीचे से उठकर ऊपर तक पहुंची हैं। बंगाल को ढंग से चला रही हैं। इतना अच्छा विकास कर रही है लेकिन हर एक मीडिया हाउस को बीजेपी ने खरीदकर ममता के पीछे लगा रखा है। हमने कभी नहीं सोचा था कि आधुनिक बंगाल में इतनी बर्बरता हो सकती है। मां और बच्चे मारे गए। ये टीएमसी के खिलाफ एक बड़ी साजिश है।
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Source : IANS