प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच गुरुवार को बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में हालांकि डोकलाम विवाद का जिक्र नहीं हुआ लेकिन माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर बातचीत हुई होगी।
विदेश सचिव एस जयशंकर से जब डोकलाम मुद्दे सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा, "दोनों नेताओं के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे पर चर्चा हुई ।"
उन्होंने कहा, "डोकलाम का बयान में विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया है।"
जयशंकर ने दोनों नेताओं के बीच बंद दरवाजे में हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा, "मुझे लगता है दोनों नेताओं के बीच व्यापाक समझ के अंतर्गत चर्चा हुई है।"
हालांकि इशारों इशारों में संयुक्त रुप से संबोधन के दौरान आबे ने चीन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत और जापान एशियाई परंपराओं की अगुआई करते हैं। इसी परंपरा के तहत मौजूदा स्थिति में बलपूर्वक बदलाव को स्वीकार न करना और विवादों का शांतिपूर्वक हल खोजना भी शामिल है।
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बता दें कि भारत और चीन की सेनाएं डोकलाम में ढाई महीने तक आमने-सामने आ गई थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। ब्रिक्स सम्मेलन से पहले 28 अगस्त को हालांकि दोनों देशों ने अपनी-अपनी सेनाओं को हटाने का फैसला किया था जिसके बाद यह विवाद समाप्त हो गया था।
वहीं चीन ने गुरुवार को कहा कि भारत व जापान को गठबंधन बनाने की बजाय साझेदारी के लिए काम करना चाहिए, क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने द्विपक्षीय रक्षा व सुरक्षा के संबंधों पर चर्चा के लिए तैयार हैं।
चीन ने यह भी उम्मीद जताई कि भारत-जापान संबंध क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के अनुकूल होंगे।
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जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की भारत यात्रा को लेकर चीन के एक दैनिक अखबार ने कहा है कि नई दिल्ली और टोक्यो के बीच इस घनिष्ठ संबंधों से बीजिंग को कई 'गंभीर खतरा' नहीं है।
चीन, भारत और जापान के बीच बढ़ती निकटता से हमेशा होशियार रहा है, चीन का दोनों देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद है। सरकार द्वारा संचालित चीनी मीडिया भारत और जापान के बीच तेजी से विकास संबंधों को बढ़ता देख अक्सर गंभीर हो जाता है।
ग्लोबल टाइम्स के एक ओप-एड ने कहा, "भारत-जापान की दोस्ती एक युक्ति से काफी ज्यादा है और दोनों के द्वारा एक गंभीर विचार दिए बिना चीन को चुनौती दिए जाने की संभावना नहीं है।"
"चीन को विश्वास है कि कोई भी एशियाई देश चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती नहीं दे सकता और न ही वे एक साथ समूह बना सकते हैं। चीन एशिया में आर्थिक सहयोग के मुख्य केंद्र में रहा है। भू-राजनीति के भू-आर्थिक स्थिति के खिलाफ जाने की संभावना नहीं है।"
पिछले तीन साल में मोदी और आबे के बीच यह 10 वीं बैठक है। इस बार मोदी ने जापानी नेता को अहमदाबाद में आमंत्रित किया। 2015 में, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुजरात के इस शहर का दौरा किया था।
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Source : News Nation Bureau