क्या स्पीकर को है विधायकों की अयोग्यता तय करने का अधिकार, ससंद फिर करे विचार- सुप्रीम कोर्ट

इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष को राज्य के वन और पर्यावरण मंत्री टी श्यामकुमार की अयोग्यता पर चार हफ्तों में निर्णय लेने को कहा है.

इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष को राज्य के वन और पर्यावरण मंत्री टी श्यामकुमार की अयोग्यता पर चार हफ्तों में निर्णय लेने को कहा है.

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Aditi Sharma
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सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने संसद से एक बार फिर पुनर्विचार करने को कहा है कि क्या स्पीकर के पास विधायकों की अयोग्यता तय करने की शक्ति होनी चाहिए. दरअसल अदालत मंगलवार को मणिपुर के वन और पर्यावरण मंत्री टी श्यामकुमार के अयोग्यता मामले से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसी दौरान कोर्ट ने संसद से एक बार फिर इस मसले पर विचार करने के लिए कहा है कि क्या स्पीकर के पास विधायकों की अयोग्यता तय करने की शक्ति होनी चाहिए.

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इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष को राज्य के वन और पर्यावरण मंत्री टी श्यामकुमार की अयोग्यता पर चार हफ्तों में निर्णय लेने को कहा है.

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बता दें, ऐसा मामला पिछले साल कर्नाटक से भी सामने आया था जब विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस-जेडीएस के 17 विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने उस वक्त कर्नाटक के तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार द्वारा कांग्रेस-जद(एस) के 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले को बरकरार रखा था, लेकिन उनके उपचुनाव लड़ने का रास्ता साफ कर दिया.
न्यायालय ने आर रमेश कुमार के आदेश का वह हिस्सा निरस्त कर दिया, जिसमें इन विधायकों को 15वीं विधानसभा के कार्यकाल के अंत तक के लिये अयोग्य घोषित किया गया था. कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 2023 तक है.

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