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बाबा रामदेव के खिलाफ पूरे देश में 'काला दिवस' मनाएंगे डॉक्टर्स

रामदेव द्वारा की गई टिप्पणी के खिलाफ एसोसिएशन ने देशव्यापी विरोध का आह्वान किया है. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सोमवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कि एक जून को देशभर में काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा.

Updated on: 31 May 2021, 10:20 PM

नई दिल्ली:

योग गुरु बाबा रामदेव और एलोपैथिक डॉक्टरों के बीच जारी विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बाद अब रेजिडेंट डॉक्टरों के सबसे बड़े संगठन फेडरेशन आफ रेजीडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (FORDA) ने भी रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. रामदेव द्वारा की गई टिप्पणी के खिलाफ एसोसिएशन ने देशव्यापी विरोध का आह्वान किया है. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सोमवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कि एक जून को देशभर में काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा. डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि रामदेव बाबा के अपमानजनक बयानों की निंदा करते हुए एक जून को काला दिवस मनाया जाएगा. हालांकि उन्होंने कहा कि इस दौरान मरीजों की देखभाल प्रभावित नहीं होगी. 

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अपने बयान में FORDA ने कहा कि बाबा रामदेव द्वारा दिए गए अपमानजनक बयानों की निंदा करने के लिए यह आह्वान किया गया है. इसमें कहा गया है कि दिन भर के विरोध प्रदर्शन से मरीजों की देखभाल में कोई बाधा नहीं आएगी. फोर्डा के अध्यक्ष डाक्टर मनीष ने बताया कि एसोसिएशन से जुड़े देश भर के सभी रेजिडेंट डाक्टर्स रामदेव के खिलाफ देशभर में एक जून को काला दिवस मनाते हुए विरोध प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान कोरोना ड्यूटी में लगे सभी डाक्टर, नर्स एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी अपनी PPE किट पर काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे. साथ वाट्सएप पर अपनी डीपी को भी काला रखेंगे. बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी पिछले हफ्ते रामदेव के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

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वहीं, बाबा रामदेव ने कहा कि यदि एलोपैथी में सर्जरी व लाइफ सेविंग ड्रग्स हैं तो शेष 98% बीमारियों का योग-आयुर्वेद में स्थायी समाधान है, हम इंटीग्रेटेड पैथी के पक्ष में है.योग-आयुर्वेद को स्यूडो-साईंस और अल्टरनेटिव थैरेपी कहकर मजाक उड़ाना व नीचा दिखाने की मानसिकता को देश बर्दाश्त नही करेगा. हमारा अभियान ऐलोपैथी व श्रेष्ठ डाक्टर्स के खिलाफ नहीं है हम इनका सम्मान करते हैं,उन ड्रग माफियाओं के खिलाफ है जो 2 ₹ की दवाई को 2000 ₹ तक बेचते हैं‌ और गैरजरूरी आपरेशन व टेस्ट तथा अनावश्यक दवा का धंधा करते हैं. हम इस विवाद को खत्म करना चाहते हैं.

बता दें कि कोरोना वायरस मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा रहीं कुछ दवाओं पर बाबा रामदेव द्वारा कथित तौर पर सवाल उठाने जाने के बाद यह विवाद खड़ा हो गया था. पिछले दिनों सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में रामदेव कथित तौर पर एलोपैथी को एक स्टूपिड और दिवालिया साइंस बताते नजर आते हैं. वीडियो में योग गुरु को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कोरोना के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से लाखों लोग मर गए.