पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर के साथ मारपीट के बाद डॉक्टरों और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी में जारी विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाने की मांग की गई है. बताया जा रहा है कि इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 18 जून को सुनवाई करेगा. यह याचिका वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की तरफ से दायर की गई है, जिसमें डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सादा वर्दी में सुरक्षाकर्मी तैनात किये जाने की मांग की गई है. इसके साथ ही इस याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि वो ममता सरकार को आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए कहें.
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याचिका में यह सभी मांगे NRS मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की पिटाई का हवाला देते हुए की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट में ये मांग ऐसे समय में दाखिल की गई है जब बंगाल से शुरू हुई हड़ताल की आंच देशभर में फैल चुकी है. मध्य प्रधेश से लेकर झारखंड तक सभी डॉक्टर हिंसा के विरोध में हड़ताल पर बैठे है जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि इस हड़ताल का असर एमरजेंसी सेवाओं पर नहीं पड़ेगा लेकिन सच्चाई तो ये है कि अब इसका असर एमरजेंसी सेवाओं पर भी पड़ रहा है.
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जानकारी के मुताबिक लखनऊ के केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी में भी इलाज नहीं हो पा रहा है. इमरजेंसी के बाहर स्ट्रेचर पर मरीजों की लंबी कतार लगी है. ओपीडी में आने वाले गंभीर मरीज ट्रामा सेंटर पहुंच रहे हैं. ट्रामा सेंटर में अंदर से लेकर बाहर तक मरीजों का तांता लगा है. केजीएमयू, पीजीआई लोहिया संस्थान स्ट्राइक पर हैं. सिर्फ बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल और लोकबंधु अस्पताल की ओपीडी चल रही है.
इस बीच खबर ये भी आ रही है कि कोलकता में सभी मेडिकल कॉलेज के दो प्रतिनिधि सोमवार दोपहर 3 बजे ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे और अपनी मांगों को उनके सामने रखेंगे.