ब्रुसेल्स में संघीय सरकार के सभी मेडिकल स्टाफ को कोरोना वैक्सीन लगाए जाने के निर्णय के खिलाफ चार हजार से अधिक स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं ने प्रदर्शन किया है।
संवाद समिति शिन्हुआ के मुताबिक जो चिकित्सा कर्मचारी वैक्सीन लगवाने से मना करते हैं उन पर या तो जुमार्ना लगाया जाएगा या फिर अस्थायी तौर पर निलंबित किया जा सकता है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अनिवार्य वैक्सीनेशन का यह फैसला भेदभावपूर्ण है और इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा. उनके हाथों में तख्तियों पर लिखा था हमें और अधिक समझदारी की आवश्यकता है और हमें अपने स्टाफ को निलंबित करने के बजाए स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को दुरस्त करने की आवश्यकता है।
लिगे प्रांत के एक अस्पताल कर्मचारी राफेल मेयज ने कहा हर किसी को अपनी तरफ से चयन करने का अधिकार है लेकिन उन पर बर्खास्त करने की जो धमकियां मंडरा रही हैं वे अस्वीकार्य हैं।हमारे पास पहले से ही स्टाफ की कमी है और अगर हमें इन्हें हटाते हैं तो इस क्षेत्र में आने से हर कोई कतराएगा और सरकार का यह निर्णय लोगों को हतोत्साहित करेगा।
गौरतलब है कि 19 नवंबर को सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए अनिवार्य वैक्सीनेशन के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी थी. आगामी एक जनवरी से नसिर्ंग स्टाफ को अगले तीन माह तक वैक्सीन लगाए जाने का समय दिया गया है। इस आदेश की अनुपालना नहीं करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ एक अप्रैल से अनेक प्रकार के प्रतिबंधात्मक कदम उठाए जा सकते हैं जिनमें उन्हें वीजा या पंजीकरण सुविधाओं से वंचित किया जाना या बर्खास्तगी भी शामिल है. इस प्रदर्शन के आयोजकों ने स्वास्थ्य मंत्री फ्रैं क वांडेनब्रुके के चीफ ऑफ स्टाफ के साथ पहले भी एक बैठक की थी और अगली बैठक अगले सप्ताह प्रस्तावित है।
आईएएनएस
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Source : IANS