बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए सरकार ने अब प्रयास तेज कर दिए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का दावा है कि सरकार बिहार की शहरी एवं ग्रामीण अस्पतालों की व्यवस्था एवं सुविधाओं को सु²ढ़ करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अब राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डायग्नोस्टिक सेवाओं के विकसित करने का कार्य किया जाएगा।
मंत्री पांडेय ने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्च र मिशन के तहत इस वर्ष 1116 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक बिहार को 62 सौ करोड़ रुपये मिलना है। इस राशि का उपयोग शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए डायग्नोस्टिक सेवाओं को विकसित करने एवं प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का शहरी क्षेत्र में विकेंद्रीकृत करने में किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक 15 हजार शहरी आबादी पर एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित करने की भी योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति में सुधार के लिए केंद्र सरकार भी मदद कर रही है। राज्य में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्च र को मजबूत करने के साथ-साथ पीडियाट्रिक इंफ्रास्ट्रक्च र एवं रेफरल ट्रांसपोर्ट पर भी सरकार ध्यान दे रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की राशि से शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर किया जाएगा। उप स्वास्थ्य केंद्रों और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए जहां भवन नहीं है वहां नए भवनों का निर्माण कराया जाएगा।
पांडेय ने बताया कि राज्य में कोरोना टीकाकरण को लेकर लगातार कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना दिसंबर तक कोरोना टीके की पहली डोज का सौ फीसदी पूर्ण करने और दूसरी डोज का प्रतिशत बढ़ाने की है। उन्होंने बताया कि टीका को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है।
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Source : IANS