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370 का मसौदा बनाने से आंबेडकर ने कर दिया था इनकार, क्‍या आप जानते हैं किसने तैयार किया था

पिछले दो दिन से आप लगातार धारा 370 के बारे में सुन रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्‍या आपको पता है कि धारा 370 के मसौदे को तैयार किसने किया था।

Updated on: 14 Sep 2019, 07:48 AM

नई दिल्‍ली:

पिछले दो दिन से आप लगातार धारा 370 के बारे में सुन रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्‍या आपको पता है कि धारा 370 के मसौदे को तैयार किसने किया था। अगर आपको नहीं पता तो हम आपको बताते हैं। दरअसल पहले इसे तैयार करने की जिम्‍मेदारी संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को दी गई थी। लेकिन वे इसके सख्‍त खिलाफ थे। आखिर में गोपालस्‍वामी अयंगर ने इसका मसौदा किया. वह भी पूवर् प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के कहने पर.

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बाबा साहब अंबेडकर और पंडित जवाहर लाल नेहरु के बारे में आप जानते ही हैं। लेकिन गोपाल स्‍वामी अयंगर के बारे में शायद कम ही जानते होंगे. अयंगर का जन्‍म 31 जुलाई 1882 को तमिलनाडु में हुआ था। साल 1905 में वह मद्रास सिविल सेवा में शामिल हुए और डिप्‍टी कलेक्‍टर और राजस्‍व बोर्ड के सदस्‍य सहित कई पदों पर रहे। वह संविधान सभा सदस्‍य भी थे। इसके साथ ही वह उस प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख भी थे, जिसने कश्‍मीर पर लगातार विवाद में संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत का प्रतिनिधित्‍व किया। 

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अयंगर को 1937 में दीवान बहादुर की उपाधि से सम्‍मानित किया गया था। यह एक ब्रिटिश वायसराय की ओर से दिया गया सर्वोच्‍च खिताब था। वह जम्‍मू-कश्‍मीर के महाराज हरि सिंह के दीवान भी रहे। 1941 में उन्‍होंने किंग जॉर्ज षष्‍टम से नाइटहुड प्राप्‍त किया। भारत के आजाद होने और उसके बाद जम्‍मू कश्‍मीर में धारा 370 लगने के कुछ ही साल बाद 10 फरवरी, 1953 को उनका निधन हो गया। उनका जिक्र हालांकि बहुत कम होता है, लेकिन जम्‍मू कश्‍मीर में धारा 370 और 35 ए हटने के बाद एक बार फिर अयंगर चर्चा का विषय बने हुए हैं।