देशभर में दशहरा धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाते हैं. आज ही के दिन प्रभु श्री राम ने लंका के राजा रावण का वध किया था. उस दिन से इसे विजयादशमी के रूप में मनाते चले आ रहे हैं. अधिकांश जगह रावण के पुतले का दहन हो गया. द्वारका में पीएम मोदी ने रावण का वध किया. वहीं लव कुश रामलीला के रावण का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वध किया.
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लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि रावण के आखिरी शब्द क्या थे. रावण ने अपने आखिरी शब्दों में अपनी गलतियों का उल्लेख किया था. उन्होंने लक्ष्मण को कुछ बातें भी बताई थीं. लेकिन वर्तमान समय में रावण की बातों को अनदेखा करते हैं. रावण जलाने में इतने मशगूल हैं कि उनके आखिरी शब्द को भूला देते हैं. उनके द्वारा कही गई वो आखिरी शब्द जीवन में आज भी फिट बैठती है. जानते हैं रावण के मुंह से आखिरी चार बातें क्या निकली थीं.
1. अपने सारथी, दरबान, खानसामे और भाई से दुश्मनी मोल नहीं लें. वे कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. खुद को हमेशा विजेता मानने की गलती भूल से भी न करें. भले ही हर बार तुम्हारी जीत हो.
2. हमेशा उस मंत्री या साथी पर भरोसा करें, जो तुम्हारी आलोचना करती हो. साथ ही अपने दुश्मन को कभी कमजोर या छोटा मत समझें, जैसा कि मैंने हनुमान के बारे में भूल की थी.
3. यह अहंकार कभी मत करें कि आप किस्मत को हरा सकते हैं. भाग्य में जो लिखा होगा उसे तो भोगना ही पड़ेगा. ईश्वर से प्रेम करें या नफरत, लेकिन जो भी करें पूरी मजबूती और समर्पण के साथ.
4. जो राजा जीतना चाहता है, उसे लालच से दूर रहना सीखना होगा, नहीं तो जीत मुमकिन नहीं. राजा को बिना टाल-मटोल किए दूसरों की भलाई करने के लिए मिलने वाले छोटे से छोटे मौके को हाथ से नहीं निकलने देना चाहिए.