Missile War के काफी करीब थे भारत और पाकिस्तान, भारत के इस कड़ी चेतावनी से ढीले पड़े पाक के तेवर
भारत ने मिसाइल युद्ध के साथ आगे बढ़ने का फैसला कर लिया था. इस्लामाबाद ने भी जवाबी कार्रवाई करने की बात कही थी.
नई दिल्ली:
'अभिनंदन को छूना भी मत या फिर युद्ध के लिए तैयार रहना'. ये 12 शब्द सुनकर पाकिस्तान की इमरान सरकार के पसीने छूट गए थे. यहां तक कि अमेरिका भी भारत की इस चेतावनी के बाद चिंतित हो उठा था. अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तान में पकड़े जाने के बाद भारत सरकार ने 12 शब्दों का यह संदेश 27 फरवरी को पड़ोसी देश को भेजा था. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. The Hindustan Times की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने तो मिसाइल युद्ध के साथ आगे बढ़ने का फैसला तक कर लिया था. इस्लामाबाद ने भी जवाबी कार्रवाई करने की बात कही थी. रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत और पाकिस्तान के खुफिया अधिकारी तनाव कम करने के लिए बराकर संपर्क में थे.
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यह सब पाकिस्तान उस घोषणा के बाद शुरू हुआ, जब उसने कहा कि भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान उसके कब्जे में हैं. विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू जेट को गिराने के बाद मिग लड़ृाकू विमान से इजेक्ट होकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जा गिरे थे. अभिनंदन वर्तमान को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया और बाद में पाकिस्तानी सेना को सौंप दिया था. उसी दिन 27 फरवरी को लगभग 3 बजे भारत ने स्वीकार किया कि पायलट पाकिस्तान की कैद में हैं. बाहरी तौर पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारी लगातार तनाव को लेकर बयानबाजी करते रहे थे पर पर्दे के पीछे रॉ के अनिल धस्माना और पाकिस्तान के इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर के बीच संवाद चल रहा था.
उसी समय, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्ष जॉन बोल्टन से बात की. वाशिंगटन को यह बताया गया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायुसेना के पायलट के साथ कुछ भी होने पर कड़ा कदम उठाने की बात कही है. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत 27 फरवरी को मिसाइल हमला करने को भी तैयार था.
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भारत के कड़े संदेश का असर पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय रावलपिंडी जीएचक्यू में भी महसूस किया गया. इसके बाद वहां की सरकार और सेना ने तय किया कि अभिनन्दन को कैद में रखकर कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है, 27 फरवरी को ही पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के पायलट को छोड़ने का फैसला किया था. पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने 28 फरवरी को पाकिस्तान की संसद में यह घोषणा भी कर दी थी. 1 मार्च को विंग कमांडर अभिनन्दन वाघा सीमा के माध्यम से देश लौटे थे.
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