डीएमके प्रेसिडेंट एम.के स्टालिन ने हिंदी को लेकर फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हम हिंदी को थोपने को लेकर हमेशा से विरोध करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम तमिलनाडू में हिंदी थोपने नहीं देंगे. हालांकि उन्होंने अपना हड़ताल स्थगित कर दिया है. वे राज्यभर में हिंदी थोपने के विरोध में प्रदर्शन करने वाले थे. लेकिन उन्होंने अब होने वाले प्रदर्शन को वापस को स्थगित कर दिया है.
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स्टालिन ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह के स्पष्टीकरण के बाद हमने आगामी हड़ताल को वापस ले लिया है. हड़ताल को पोस्टपोंड कर दिया गया है. लेकिन स्टालिन ने कहा कि हम हिंदी थोपने को लेकर हमेशा से विरोध करते रहेंगे. गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी सफाई में कहा कि हमें सभी भारतीय भाषाओं को मजबूत करना चाहिए. लेकिन आप दूसरी कोई भाषा सिखना चाहते हैं तो आप पहले हिंदी सीखें. ये मैंने अनुरोध किया है. वरना हम भी कभी उन देशों की तरह हो सकते हैं, जिन्हें ये पता ही नहीं है कि उनकी भाषा कौन सी है.
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हिंदी दिवस पर दिए बयान के बाद खूब सियासत होने लगा था. दक्षिण भारतीय सुपरस्टार और राजनेता कमल हासन ने ट्वीट करते हुए कहा था कि देश में एक भाषा को थोपा नहीं जा सकता. ऐसा होने पर बड़ा आंदोलन हो सकता है. कमल हासन ने कहा कि कोई शाह, सुल्तान या सम्राट अचानक वादा नहीं तोड़ सकता. 1950 में जब भारत गणतंत्र बना तो ये वादा किया गया था कि हर क्षेत्र की भाषा और संस्कृति का सम्मान किया जाएगा.