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डीके शिवकुमार व सिद्धारमैया बैलगाड़ियों पर सवार होकर पहुंचे कर्नाटक विधानसभा

डीके शिवकुमार व सिद्धारमैया बैलगाड़ियों पर सवार होकर पहुंचे कर्नाटक विधानसभा

Updated on: 13 Sep 2021, 11:40 AM

बेंगलुरु:

कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख नेता पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस सिलेंडर और रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली घरेलु वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की विफलता के खिलाफ पार्टी का विरोध दर्ज कराने के लिए सोमवार को बैलगाड़ियों पर विधानसभा के लिए निकल पड़े।

कांग्रेस नेताओं की यह रणनीति कर्नाटक विधानसभा सत्र के पहले ही दिन सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने के लिए बनाई गई है।

मैसूर नगर निगम में सत्ता में आने और बेलगावी नगर निगम चुनाव में पहली बार प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद सत्ताधारी पार्टी नए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में उत्साहित है। राज्य में कोविड प्रबंधन ने भी भगवा पार्टी की भावना को बढ़ाया है।

हालांकि, कांग्रेस नेताओं के बैलगाड़ी के जरिये विरोध जताने से विधानसभा सत्र के पहले ही दिन भाजपा को शर्मिदगी झेलनी पड़ सकती है।

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया अपने कुछ अनुयायियों के साथ बेंगलुरु शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थित अपने आवासों से बैलगाड़ियों पर यात्रा करने के लिए तैयार हैं।

इससे पहले शिवकुमार ने जानकारी देते हुए बताया था कि मैं घर से सुबह 9 बजे बैलगाड़ी से विधानसभा सत्र के लिए निकलूंगा। सिद्धारमैया अपने आवास से सुबह 9.30 बजे निकलेंगे वह बैलगाड़ी पर विधानसभा भी पहुंचेंगे।

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार घरेलु वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतें कम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार देश भर में कई विरोधों के बावजूद अपने फैसले पर अड़ी हुई है।

उन्होंने कहा कि सोमवार को भारी यातायात की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए केवल मैं और सिद्धारमैया ही बैलगाड़ियों पर चलेंगे और विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन करेंगे।

वहीं शिवकुमार ने राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने का मामला दर्ज करने की भी मांग की क्योंकि उनके एक विधायक और पूर्व मंत्री ने बयान दिया है कि उन्हें कांग्रेस पार्टी छोड़ने के समय पार्टी द्वारा पैसे की पेशकश की गई थी।

उन्होंने कहा कि मैं सच्चाई सामने लाने के लिए पूर्व मंत्री श्रीमंत पाटिल को बधाई देता हूं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को इस बात की जांच शुरू करनी चाहिए कि पैसे की पेशकश किसने की।

-आईएएनएस

साकिब/आरजेएस

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