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मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ भेजे गए

कस्टडी के दौरान हम रोज पूछताछ से पहले शिवकुमार को मेडिकल के लिए ले जा रहे थे इस दौरान उनके स्वास्थ्य संबंधी सारी जरूरतों का ध्यान रखा गया

Updated on: 17 Sep 2019, 07:57 PM

नई दिल्ली:

मनी लांड्रिंग मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) को दिल्ली (Delhi) की राउज़ एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने 14 दिनों के लिए  न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि जेल भेजने से पहले उन्हें अस्पताल ले जाकर उनका पूरा चेक अप करवा लिया जाए. इस चेकअप के दौरान अगर डॉक्टर कहते हैं कि डीके शिवकुमार को अस्पताल में भर्ती करने की ज़रूरत है, तो उन्हें भर्ती किया जा सकता है, अन्यथा उन्हें छुट्टी दी जा सकती है. जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में ले जाया जा सकता है. 

इसके पहले मंगलवार को डीके शिवकुमार की ED की कस्टडी खत्म हो गई जिसके बाद उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया है. कोर्ट में ईडी के वकील केएम नटराजन (KM Natrajan) जज के सामने ED का पक्ष रखते हुए कहा कि, डीके शिवकुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए. उन्होंने आगे कहा कि, कस्टडी के दौरान हम रोज पूछताछ से पहले शिवकुमार को मेडिकल के लिए ले जा रहे थे इस दौरान उनके स्वास्थ्य संबंधी सारी जरूरतों का ध्यान रखा गया.

नटराजन ने आगे कहा कि, इनकी सेहत की वजह से सही से पूछताछ नहीं कर पाए जिस वजह से हम इस बात की मांग करते हैं कि न्यायिक हिरासत में भी पूछताछ की इजाजत दी जाए हमें अहम सुबूतों से इनका आमना सामना कराना है हम इनकी जमानत याचिका का विरोध करते हैं. हम पर ये मांग करते हैं कि हमें न्यायिक हिरासत में भी पूछताछ करने दी जाए. वहीं डीके शिवकुमार की ओर से केस की पैरवी कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी  (Abhishek Manu Singhvi) ने कहा कि डीके शिवकुमार की तबीयत लगातार खराब है, वो तीन बार अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं. सिंघवी ने आगे कहा कि, 14 तारीख से इनके सीने में भी दर्द हो रहा है

हमने पिछली बार भी कहा था इनकी तबीयत खराब है पर ईडी ने तब भी इनकी रिमांड ले ली अब ये कह रहे हैं कि इनकी जांच पूरी नहीं हुई ईडी ने पूरे 15 दिन गुजार दिए फिर भी कह रहे हैं कि पूछताछ नहीं पूरी की गई. सिंघवी ने आगे कहा कि शिवकुमार की तबीयत बहुत खराब है इन्हें किसी प्रकार की कोई पूछताछ की इजाजत नहीं दी जाए हम मांग करते हैं कि शिवकुमार को जमानत पर रिहा कर दिया जाए. सिंघवी ने आगे कहा कि ईडी ये सब कुछ शिवकुमार को परेशान करने की नीयत से कर रही है. ईडी कोर्ट में झूठ बोल रही है इन्होंने कहा कि इन्होंने शिवकुमार के बयान लिए पर मेरी जानकारी में उनको तो पूछताछ के लिए बुलाया ही नहीं इन्होंने दूसरे लोगों की भी रिकवरी शिवकुमार के नाम पर दिखा दिया.

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ईडी ये सब शिवकुमार का नाम खराब करने के लिए कर रही है. कह रहे हैं कि 317 खाते हैं. ये कह रहे हैं कि 200 करोड़ की लांड्रिंग है पर सुबूत कहां हैं आप बताइए किन खातों में ये पैसा जमा है ईडी मन गढ़ंत जानकारी दे रही है. जो भी शिवकुमार ने लेन देन किया है उसे रिटर्न करते वक्त दिखाया है. शिकुमार ने टैक्स दिया है तो मनी लांड्रिंग कैसे हो गई.

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वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी  (Mukul Rohatgi) ने डी के शिवकुमार की तरफ से बहस करते हुए कहा, हम न्यायिक हिरासत का विरोध करते हैं. हम मांग करते हैं कि शिवकुमार को बेल दिया जाए शिवकुमार सात बार के विधायक है. शिवकुमार जिंदगी भर जनता के सामने रहे हैं शिवकुमार संबंधित खातों से सिर्फ़ 41 लाख रुपये मिले हैं. जिसका उन्होंने टैक्स दिया है. रोहतगी ने आगे कहा कि, इस पूरे केस में तो PMLA के तहत केस बनता नहीं हैं. दूसरे लोगों से जो पैसे बरामद हुए हैं वो भी शिवकुमार के बताए जा रहे हैं. जबकि वो लोग कह रहे हैं कि वो पैसे उनके हैं बेंगलोर में 4 में से 3 इनकम टैक्स की शिकायतें खारिज की जा चुकी हैं. इनकम टैक्स की सारी शिकायतें 2017 की सर्च पर आधारित हैं. शिवकुमार की सेहत भी नहीं ठीक है. शिवकुमार का ट्रैक रिकार्ड बेहद अच्छा है.

मुकुल रोहतगी ने आगे कहा कि, यहां कोई आधार नहीं बनता कि मेरे क्लाइंट को सिर्फ़ जेल में रखने के लिए 120B लगा दी जाए ये पूरा केस एक रेड के आधार पर है जो सभी अधिकारियों के सामने हुए ये केस दस्तावेज़ों पर आधारित है कोई मर्डर तो हुआ नहीं है हम चाहते हैं कि हमारे क्लाइंट को बेल दी जाए हम कोर्ट में पासपोर्ट जमा करने को भी तैयार हैं. मेरे क्लाइंट को रेगुलर बेल दी जाए या फिर मेडिकल बेल दी जाए.

जिसके बाद ED के वकील केएम नटराजन ऐएसजी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हमारी पूछताछ पूरी नहीं हुई है. हमें सुबूतों के साथ शिवकुमार का आमना सामना कराना है ये कह रहे हैं कि 41 लाख की बात है जो 8.59 करोड़ रिकवर हुए हैं उनका नियंत्रण भी शिवकुमार के पास था. जिससे ये साफ है कि ये आपराधिक साजिश है हमने अब तक इस मामले में 9 लोगों से पूछताछ की है जांच के दौरान इनके बयान लिए गए हैं हमारी जांच में 143 करोड़ के मनी लांड्रिंग का पता चला है. 20 विभिन्न बैंकों में 317 खाते बना कर मनी लांड्रिंग की गई है हमने इनके चार्टर्ड अकाउंटेंट का भी बयान लिया है. इन्होंने कैश पैसे देकर भी प्रापर्टी बनाई है. इनकी बेटी जिसकी उम्र सिर्फ़ 22 साल है उसके नाम पर 108 करोड़ का लेन देन किया गया है.

बुधवार को होगी जमानत पर सुनवाई
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जज ने डीके शिवकुमार को कल तक के लिए जुडिशल कस्टडी में भेजा है. लेकिन अभी डीके शिवकुमार को अस्पताल भेजा गया है, जहां डॉक्टर्स उनका चेकअप करने के बाद ये निर्णय लेंगे कि उनको कल तक एडमिट करने की जरूरत है या नहीं उसी आधार पर उनके तिहाड़ जाने पर फैसला होगा. बुधवार को डीके शिवकुमार की जमानत पर फिर से सुनवाई की जाएगी.