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संसद में लगातार तीन हफ्ते से चल रहे गतिरोध पर नाराज़गी जताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि इस तरह से संसद की कार्यवाही में व्यवधान पैदा करना मंजूर नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनकी मंशा किसी पर आरोप लगाने की नहीं है लेकिन संसदीय स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा, "मेरी मंशा किसी पर आऱोप लगाने की नहीं है, लेकिन संसद के काम में गतिरोध पैदा करना चलन हो गया है।"
I have no intention of accusing any individual but it(disrupting Parliament ) has become a practice: President Pranab Mukherjee pic.twitter.com/HTxvY9ImGU
— ANI (@ANI_news) December 8, 2016
Parliamentary freedom should not be misused by causing disruptions: President Pranab Mukherjee
— ANI (@ANI_news) December 8, 2016
राष्ट्रपति ने यहां 'मजबूत लोकतंत्र के लिए सुधार' पर डिफेंस एस्टेट लेक्चर 2016 में राष्ट्रपति ने कहा, "बहुमत कभी भी संसद के काम में गतिरोध नहीं करता है। सिर्फ अल्पमत वाले ही सदन के वेल में आ जाते हैं और काम में व्यवधान उत्पन्न करते हैं। ऐसे में सदन के अध्यक्ष के पास सदन की कार्यवाही स्थगित करने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता है।"
Majority never participate in disruptions.Only minority come to the well, shout slogans,stop proceeding & create a situation:President (1/2) pic.twitter.com/F5DpoVimQh
— ANI (@ANI_news) December 8, 2016
The chair has no option but to adjourn the house. This (parliamentary disruption) is totally unacceptable: President Pranab Mukherjee (2/2)
— ANI (@ANI_news) December 8, 2016
नोटबंदी पर विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री से माफी की मांग कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर कालेधन का समर्थन करने का आरोप लगाया है। पहले से ही विपक्ष नोटबंदी पर सदन में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री की मौजूदगी की मांग कर रहा है।
विपक्ष सदन में नियम 56 के तहत चर्चा कराना चाहता है, लेकिन सत्तापक्ष इसके लिये तैयार नहीं है। सदन न चलने के कारण जीएसटी बिल समेत कई प्रमुख विधेयक लंबित पड़े हैं।