संसद में लगातार तीन हफ्ते से चल रहे गतिरोध पर नाराज़गी जताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि इस तरह से संसद की कार्यवाही में व्यवधान पैदा करना मंजूर नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनकी मंशा किसी पर आरोप लगाने की नहीं है लेकिन संसदीय स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा, "मेरी मंशा किसी पर आऱोप लगाने की नहीं है, लेकिन संसद के काम में गतिरोध पैदा करना चलन हो गया है।"
राष्ट्रपति ने यहां 'मजबूत लोकतंत्र के लिए सुधार' पर डिफेंस एस्टेट लेक्चर 2016 में राष्ट्रपति ने कहा, "बहुमत कभी भी संसद के काम में गतिरोध नहीं करता है। सिर्फ अल्पमत वाले ही सदन के वेल में आ जाते हैं और काम में व्यवधान उत्पन्न करते हैं। ऐसे में सदन के अध्यक्ष के पास सदन की कार्यवाही स्थगित करने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता है।"
विपक्ष सदन में नियम 56 के तहत चर्चा कराना चाहता है, लेकिन सत्तापक्ष इसके लिये तैयार नहीं है। सदन न चलने के कारण जीएसटी बिल समेत कई प्रमुख विधेयक लंबित पड़े हैं।