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योगी सरकार के इस फैसले पर NDA शासित राज्यों के बीच ठनी

गौरतलब है कि राजस्थान के कोटा में उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार के भी हजारों छात्र फंसे हुए हैं.

Updated on: 18 Apr 2020, 12:17 PM

पटना:

कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण से बचाने के लिए हुए लॉकडाउन के कारण राजस्थान (Rajasthan) के कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के 7 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए योगी सरकार ने 200 बसें भेजी हैं. सरकार के इस कदम पर सियासत तेज हो गई है. जहां एक ओर विपक्षी दलों के नेता योगी सरकार के कदम का स्वागत कर रहे हैं, वहीं NDA शासित राज्यों के बीच ठन गई है. बिहार की नीतीश सरकार (Nitish government) ने योगी आदित्यनाथ के फैसले का विरोध किया है.

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बिहार के सूचना एवं जन संपर्क विभाग के मंत्री नीरज कुमार ने न्यूज नेशन से बातचीत में कहा है कि कोटा से बच्चों को लाने का फैसला अनुचित और अमानवीय है. उन्होंने योगी सरकार के इस फैसले पर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है. मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि अगर छात्र लाए जाएंगे तो अप्रवासी मजदूरों का क्या कसूर. ऐसा फैसला ही गलत है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की बातों का सभी अनुसरण करें.

बता दें कि इससे पहले बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने योगी आदित्यनाथ की राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने की योजना की प्रशंसा की है. तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों के वापस लाने की योजना बनाई है, जिसकी सराहना की जानी चाहिए. इसी बहाने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना भी साधा.

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गौरतलब है कि राजस्थान के कोटा में उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार के भी हजारों छात्र फंसे हुए हैं. कुछ छात्र तो अभिभावकों के साथ कोटा से निकल आए थे, मगर उन्हें बिहार की सीमा पर ही रोककर क्वारेंटीन सेंटर में रखा गया है. इसके अलावा बिहार के कई लोग अन्य दूसरे राज्यों में भी फंसे हुए हैं.

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