हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को आय के स्रोत से 10 करोड़ अधिक की संपत्ति अर्जित करने के मामले में सोमवार को दिल्ली की एक अदालत से जमानत दे दी है।
इससे पहले 22 मई सोमवार को वीरभद्र सिंह विशेष अदालत के न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार गोयल के सामने उपस्थित हुए थे। उनके खिलाफ समन जारी किए गए था।
इस मामले में वीरभद्र सिंह अलावा जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के एजेंट आनंद चौहान, उनके सहयोगी चुन्नी लाल, जोगिंदर सिंह घाल्टा, प्रेमराज, वकामुल्ला चंद्रशेखर, लवन कुमार रोच और रामप्रकाश भाटिया भी आरोपी हैं।
सीबीआई ने अपने आरोप-पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अर्जित की है, जो उनकी आय के स्रोत से अधिक है।
जांच एजेंसी का कहना है कि इस मामले में वीरभद्र सिंह ने संतोषजनक जवाब नहीं दिए हैं। अदालत ने आठ मई को आरोपी के खिलाफ समन जारी करते हुए कहा था कि मई, 2009 से जून 2012 के बीच केंद्र में इस्पात एवं सूक्ष्म, लघु व मझोले मंत्री के तौर पर वीरभद्र सिंह ने आपराधिक गड़बड़ियां की।
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जांच एजेंसी के अनुसार, सह-आरोपी प्रतिभा सिंह और अन्य आठ पर वीरभद्र के रुपये को उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर निवेश में साथ देने का आरोप है।
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HIGHLIGHTS
- वीरभद्र सिंह को दिल्ली की कोर्ट से मिली जमानत
- आय से अधिक संपत्ती के मामले में चल रहा है केस
Source : News Nation Bureau