फांसी में हो रही देरी से निराश होकर HC के बाहर धरने पर बैठीं सामाजिक कार्यकर्ता योगिता

योगिता का कहना है कि देश के लोग पिछले 7 साल से फांसी हालांकि, कुछ देर बाद पुलिसकर्मी वहां पहुंचे और उन्हें समझा बुझाकर भेज दिया.

Arvind Singh | Edited By : Sushil Kumar | Updated on: 03 Feb 2020, 06:13:14 AM
योगिता

योगिता (Photo Credit: न्यूज स्टेट)

नई दिल्ली:  

निर्भया के गुनहगारों की फांसी की सज़ा के अमल में हो रही देरी से निराश होकर एक सामाजिक कार्यकर्ता योगिता दिल्ली HC के गेट नंबर 7 के पास धरने पर बैठ गई. योगिता का कहना है कि देश के लोग पिछले 7 साल से फांसी का इंतजार कर रहे हैं. आखिर कब निर्भया के दोषियों को फांसी से लटकाया जाएगा. 7 साल बाद जब कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर भी दिया, तो अब तारीख पर तारीख मिल रही है. इससे लोगों को सब्र अब जवाब देने लगा है. 

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उन्होंने कहा कि 2 बार फांसी की तारीख तय होने के बाद भी दोषियों को फांसी पर नहीं लटकाया गया. देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे जघन्य अपराधी को भी बचाने की कोशिश की जा रही है. फांसी में देरी के खिलाफ केंद्र सरकार की अर्जी पर रविवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने रविवार को केंद्र की उस अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया जिसमें उसने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों की फांसी की सजा की तामील पर रोक को चुनौती दी है. न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कहा कि अदालत सभी पक्षों द्वारा अपनी दलीलें पूरी किए जाने के बाद आदेश पारित करेगी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्च न्यायालय से कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के दोषी कानून के तहत मिली सजा के अमल में विलंब करने की सुनियोजित चाल चल रहे हैं.

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निर्भया के दोषियों की फांसी की सजा टालने के पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट में रविवार को विशेष सुनवाई हुई. सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा कि सभी दोषियों की फांसी की सजा एक साथ देना जरूरी नहीं है. सभी के कानूनी राहत के विकल्प खत्म होने का इतंजार करने की जरूरत नहीं है. दोषियों को अलग-अलग भी फांसी दी जा सकती है. केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि दोषियों के रवैये से साफ है कि वो कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं. इससे आहत योगिता ने धरने पर बैठने गई. उन्होंने कहा कि अदालत को जल्द से जल्द दोषियों को फांसी पर लटका देना चाहिए. हालांकि, जहां वह धरने पर बैठीं, मौके पर पहुंची पुलिस ने समझा-बुझाकर भेज दिया. लेकिन इसमें दो राय नहीं कि निर्भया के दोषी देश के सब्र का इम्तिहान ले रहे हैं.

First Published : 02 Feb 2020, 09:12:19 PM