जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि बीते चार सालों की तुलना में साल 2022 अधिक शांतिपूर्ण रहा है। डीजीपी ने कहा कि 2022 में मारे गए 186 आतंकियों में 56 विदेशी आतंकवादी थे। डीजीपी ने आगे कहा कि इस साल करीब 100 युवा आतंकवाद में शामिल हुए, 17 को गिरफ्तार किया गया, अन्य मारे गए और अब केवल 18 एक्टिव हैं।
हमने पिछले चार वर्षों में इतनी कम स्थानीय आतंकवादी भर्ती नहीं देखी है। साथ ही कुल 159 उग्रवादियों-ओवर ग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2022 में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में 14 पुलिसकर्मी और 17 सुरक्षाबल के जवान शहीद हुए।
डीजीपी ने आगे कहा कि मिशन जीरो टेरर हमारा नए साल का संकल्प है। साल 2022 में हमने 146 आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है और इस वर्ष कानून-व्यवस्था की स्थिति सबसे शांतिपूर्ण रही है। कुल 1,350 यूएपीए मामलों की जांच चल रही है। एसआईए और एसआईयू बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।
डीजीपी ने कहा कि हमने साल भर बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया, जिसमें 56 विदेशियों समेत 186 आतंकवादी मारे गए। मारे गए अधिकांश आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे। बड़ी संख्या में गलत रास्ते पर चलने वाले युवाओं को वापस लाया गया है।
साल 2022 में एके 47 राइफल समेत 188 हथियार, 275 पिस्तौल, 354 ग्रेनेड और 61 आईईडी बरामद किए गए, जिनमें कुछ मार गिराए गए ड्रोन भी शामिल हैं। डीजीपी ने कहा कि मैं आंतकियों के नापाक इरादों को विफल करने के लिए पुलिस और अन्य बलों को बधाई देता हूं।
डीजीपी ने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में 2022 में सुरक्षाबल कम संख्या में हताहत हुए हैं। साल 2022 में 14 पुलिसकर्मी और 17 सुरक्षाबल के जवान शहीद हुए हैं जोकि अब तक की सबसे कम संख्या है। इस साल नागरिक भी कम संख्या में मारे गए हैं। इस साल सिर्फ 24 कानून व्यवस्था की घटनाएं हुईं।
आतंकियों के समर्थन में इस्तेमाल किए गए 55 वाहनों को जब्त और 28 घरों को सीज किया गया। इसी तरह 649 लोगों पर आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के आरोप में जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही ड्रग्स की तस्करी के कुल 1,693 मामले दर्ज किए गए। साल 2022 में कुल 212 किलो हेरोइन, 383 किलो चरस, 12 किलो ब्राउन शुगर और बड़ी मात्रा में अन्य ड्रग्स जब्त किए गए।
डीजीपी ने कहा कि 2022 में 29,834 आपराधिक केस दर्ज किए गए। इस साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के 2,285 मामले दर्ज किए गए। डीजीपी ने कहा कि हमने फास्ट-ट्रैक मामले के निपटाने के लिए हर जिले में विशेष जांच यूनिटें स्थापित की हैं।
कश्मीरफाइट ब्लॉग के जरिए आतंकी खतरों के बारे में बात करते हुए सिंह ने कहा, टीआरएफ और कश्मीरफाइट दोनों ही आईएसआई का हिस्सा हैं। हमने मामलों की जांच की है और हम अल्पसंख्यक समुदाय और समाज के अन्य वर्गों को धमकी देने वाले किसी को भी नहीं बख्शेंगे।
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Source : IANS