Advertisment

शशिकला को AIADMK से निकाले जाने पर बोले दिनाकरन, पलानीसामी सरकार गिराऊंगा

एआईएडीएमके पार्टी से निष्कासित नेता और पार्टी के 21 विधायकों की अगुवाई कर रहे टी.टी.वी. दिनाकरन ने मंगलवार को कहा कि वह के.पलानीसामी सरकार गिराने के लिए काम करेंगे।

author-image
Jeevan Prakash
एडिट
New Update
शशिकला को AIADMK से निकाले जाने पर बोले दिनाकरन, पलानीसामी सरकार गिराऊंगा

टी.टी.वी. दिनाकरन (फोटो-PTI)

Advertisment

ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) पार्टी से निष्कासित नेता और पार्टी के 21 विधायकों की अगुवाई कर रहे टी.टी.वी. दिनाकरन ने मंगलवार को कहा कि वह के.पलानीसामी सरकार गिराने के लिए काम करेंगे।

दिनाकरन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'आप (मुख्यमंत्री पलानीसामी) और अन्य को जयललिता द्वारा संभाले गए पद पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है। हम इस सरकार को वापस घर भेजेंगे।'

वह एआईएडीएमके के पनीरसेल्वम एवं पलानीसामी गुट को मिलाकर बने धड़े की ओर से पार्टी की आम परिषद में एक प्रस्ताव पास कर वी.के. शशिकला को पार्टी महासचिव के पद से हटाए जाने और खुद को उपमहासचिव के पद से हटाए जाने के बाद प्रतिक्रिया दे रहे थे।

उन्होंने कहा, 'यह पार्टी की वैध आम परिषद बैठक नहीं है। केवल पार्टी महासचिव ही आम परिषद की बैठक बुला सकता है।'

उन्होंने कहा कि जब आम परिषद के 500 सदस्य बैठक की मांग करते हैं तो पार्टी महासचिव बैठक बुलाते हैं।

दिनाकरन ने कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय ने परिषद की बैठक पर रोक लगाने के मामले में सोमवार को कहा था कि बैठक में लिए गए फैसले को अंतिम फैसला माना जाए।

प्रस्ताव के बारे में आश्चर्य जताते हुए उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में कहा गया है कि पार्टी के सदस्य महासचिव के रूप में जे.जयललिता को छोड़कर किसी के बारे में कल्पना नहीं कर सकते, क्या यही प्रक्रिया मुख्यमंत्री के पद के लिए भी अपनाई जाएगी?

उन्होंने कहा, 'हमारे कार्यकर्ता और जनता इस सरकार के बने रहने को लेकर प्रश्न उठा रहे हैं, जो जयललिता के सिद्धांतों के खिलाफ है। वे लोग चुनाव का सामना करने से डर रहे हैं। उन लोगों की जमानत जब्त हो जाएगी, लेकिन विधायक चुनाव के काल्पनिक डर से उनके साथ बने हुए हैं।'

दिनाकरन ने कहा, 'सरकार को घर भेजने के बाद, हम जयललिता सरकार फिर से बहाल करने की कोशिश करेंगे।'

उन्होंने कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) हमारी मुख्य चुनौती है और हम उनके खिलाफ लड़ेंगे। सत्तारूढ़ पार्टी यह भ्रम फैला रही है कि हम डीएमके के साथ मिले हुए हैं।

जयललिता के निधन के बाद पार्टी तीन गुटों- शशिकला, पलानीसामी, और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम में बंट गई थी। गत माह पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम गुट एक हो गए थे।

इस गुट ने मंगलवार सुबह पार्टी की आम परिषद की बैठक बुलाई और जेल में बंद शशिकला को पार्टी महासचिव के पद से हटा दिया।

पार्टी ने आम परिषद की बैठक ऐसे समय आयोजित की है, जब विपक्षी डीमएके एआईडीएमके सरकार पर बहुमत कम होने का आरोप लगा रही है और सदन में बहुमत साबित करने की मांग कर रही है।

रविवार को डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के.स्टालिन और दिनाकरन गुट को समर्थन दे रहे 21 विधायकों ने मुख्यमंत्री पलानीसामी का विरोध करते हुए राज्यपाल सी विद्यासगर राव से एक सप्ताह के भीतर विधानसभा की बैठक बुलाने का आग्रह किया था।

235 सदस्यीय तमिलनाडु विधानसभा में 234 निर्वाचित सदस्यों के अलावा एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है, जिनके पास मतदान का अधिकार नहीं है।

वहीं जयललिता के निधन के बाद विधानसभा में एक सीट रिक्त है, यानी कुल 233 सदस्यों को मत देने का अधिकार है। सदन में सरकार का विरोध करने वाले 119 विधायक हैं, जिनमें डीएमके एवं गठबंधन के 98 और दिनाकरन गुट के 21 विधायक शामिल हैं।

और पढ़ें: खाली हाथ शरद यादव, JDU पर दावे को चुनाव आयोग ने किया खारिज

Source : IANS

Palaniswami government Dinakaran tamil-nadu
Advertisment
Advertisment
Advertisment