केके के नाम से मशहूर लोकप्रिय पाश्र्व गायक कृष्णकुमार कुन्नाथ के असामयिक निधन पर पश्चिम बंगाल में सियासी घमासान गुरुवार को भी जारी रहा और भाजपा के दिलीप घोष ने इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल में मौत की टिप्पणी का जिक्र किया।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी सांसद दिलीप घोष ने मंगलवार की देर शाम नजरूल मंच पर लाइव प्रदर्शन करने के बाद केके की मौत के सिलसिले में 6 अप्रैल को राज्यसभा में शाह की ओर से दिए गए बंगाल में हत्याओं पर एक बयान का हवाला दिया।
आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 पर बहस में भाग लेते हुए शाह ने उस दिन राज्यसभा के पटल पर कहा था, यदि आप बंगाल जाते हैं, तो आप मारे जाएंगे।
घोष ने गुरुवार सुबह कहा कि केके को कॉलेज उत्सव में नहीं बल्कि मंगलवार रात तृणमूल कांग्रेस के कार्यक्रम में उनकी बेचैनी को नजरअंदाज करते हुए गाने के लिए मजबूर किया गया, जिससे उनकी मौत हो गई।
घोष ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अगर कोई बंगाल जाता है तो मौत निश्चित है। तब उनकी टिप्पणियों पर बहुत बहस हुई थी। लेकिन राज्य में आने के बाद एक गायक की ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई। यह कॉलेज उत्सव नहीं था। यह तृणमूल कांग्रेस की ओर से प्रायोजित कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम का आयोजन सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा किया गया था, जिन्होंने इतनी बड़ी सभा की व्यवस्था की थी। केके को बेचैनी महसूस होने पर भी गाने के लिए मजबूर होना पड़ा। वह पसीने से तर-बतर हो गए थे और जाना चाहते थे। लेकिन उन्हें जाने की अनुमति नहीं थी। यह सरासर साजिश है। इस प्रक्रिया में एक प्रतिभाशाली गायक की मौत हो गई।
दिलीप घोष की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव एवं पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि दिलीप घोष के बयानों का खंडन केके के प्रबंधक रितेश भट ने किया है, जो उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन गायक के साथ मंच पर थे।
उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर गंदी राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है। उन्हें उनकी ही पार्टी ने मीडिया से बात करने से रोक दिया है। इसलिए, इस तरह की अप्रासंगिक टिप्पणियां कर रहे हैं। यह उनके लिए अस्तित्व के संघर्ष के अलावा और कुछ नहीं है।
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Source : IANS