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बेंगलुरू में हाई वोल्‍टेज ड्रामा, बागी विधायकों को मनाने पहुंचे दिग्‍विजय सिंह को पुलिस ने हिरासत में लिया

बागी विधायकों को मनाने के लिए कर्नाटक की राजधानी भोपाल पहुंचे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को वहां की पुलिस ने बुधवार तड़के हिरासत में ले लिया. बताया जा रहा है कि पुलिस के मना करने के बावजूद वे विधायकों से मिलने के लिए धरना दे रहे थे.

Updated on: 18 Mar 2020, 09:00 AM

नई दिल्‍ली:

बागी विधायकों को मनाने के लिए कर्नाटक की राजधानी भोपाल पहुंचे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को वहां की पुलिस ने बुधवार तड़के हिरासत में ले लिया. बताया जा रहा है कि पुलिस के मना करने के बावजूद वे विधायकों से मिलने के लिए धरना दे रहे थे. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बेंगलुरु के रामाडा होटल पहुंचे थे, जहां कांग्रेस (Congress) के विधायक ठहरे हुए हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक लिया. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘मैं बेंगलुरु के रमाडा होटल पहुंच गया हूं लेकिन पुलिस हमें रोक रही है.’

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मीडिया से बात करते हुए दिग्विजय सिंह बोले, मैं मध्य प्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार हूं, 26 मार्च को मतदान होना है. मेरे 22 विधायक यहां रोके गए हैं. वो लोग मुझसे बात करना चाहते हैं. उनके फोन छीन लिए गए हैं. पुलिस वाले उनसे बात भी नहीं करने दे रहे हैं. कहते हैं कि इनकी सुरक्षा को खतरा है.

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दिग्‍विजय सिंह ने कहा, ‘मैंने कहा मैं गांधीवादी आदमी हूं मेरे पास न बम है, न पिस्तौल है, न हथियार है, न रायफल है. मुझे अकेले ले जाएं उनसे मिलवा दें. मुझे संतुष्टि हो जाएगी मैं लौट जाऊंगा.’ कहा जा रहा है कि होटल में जाने से रोके जाने से नाराज़ दिग्विजय सिंह होटल के बाहर धरने पर बैठ गए. इसके बाद पुलिस ने उन्‍हें हिरासत में ले लिया. बता दें कि रमाडा होटल में ही कांग्रेस के बागी विधायक ठहरे हुए हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा, मैंने व्यक्तिगत रूप से 5 विधायकों से बात की. विधायकों ने बताया कि वे बंदी हैं और उनका फोन छीन लिया गया है. हर कमरे के सामने पुलिस तैनात है और उन्‍हें 24/7 फॉलो किया जा रहा है. 

बता दें कि मध्‍य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के पास बहुमत न होने का दावा करते हुए पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फ्लोर टेस्‍ट कराने की मांग की है, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था.

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इससे पहले 16 मार्च को मध्‍य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद राज्यपाल का अभिभाषण हुआ और फिर कोरोना वायरस के प्रकोप के बहाने सत्र स्थगित कर दिया गया था. इसके बाद बीजेपी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में 48 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट कराने के लिए याचिका दायर की गई थी. दूसरी ओर कमलनाथ सरकार का कहना है कि हमारे पास बहुमत है और फ्लोर टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है.